ममता का मिशन दिल्ली: मकसद- भाजपा को हराना, एक ही नारा ‘नो वोट टु बीजेपी’…

नई दिल्ली। ममता बनर्जी का इरादा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा को ‘बंगाल मॉडल’ से टक्कर देने का है। वे विपक्षी एकजुटता के जरिए 375 सीटों पर भाजपा को सीधी चुनौती देने की तैयारी में हैं। इनमें से 200 सीटों पर कांग्रेस को वॉकओवर का प्रस्ताव दे सकती हैं। सूत्रों के मुताबिक, ममता का ‘मिशन दिल्ली’ 2024 में भाजपा को सत्ता से हटाना है। इसके लिए सोनिया-पवार-ममता देशभर में भाजपा के खिलाफ एकजुटता का संदेश देंगे।

इसकी शुरुआत उत्तर प्रदेश से होगी। मकसद है कि 2022 में 7 राज्यों के चुनाव में भाजपा को मात दी जाए। ममता यह भी साफ करने आई हैं कि उनका इरादा PM की कुर्सी नहीं है। इस अभियान में कांग्रेस केंद्रीय भूमिका में होगी। पिछले दिनों ममता के चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशाेर ने सोनिया, राहुल से मिलकर इसी मॉडल पर बात की थी।

आज सोनिया गांधी से चाय-पे-चर्चा करेंगी, शरद पवार से भी मिलेंगी
मई में यास तूफान को लेकर PM नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता वाली बैठक में आकर चले जाने के बाद पश्चिम बंगाल की CM ममता बनर्जी ने पहली बार मंगलवार को माेदी से मुलाकात की। उन्होंने अधिक कोरोना टीके देने और पेगासस मामले की सुप्रीम काेर्ट की निगरानी में जांच की मांग की। वे कांग्रेस नेता कमलनाथ और आनंद शर्मा से भी मिलीं। बुधवार को साेनिया गांधी से मिलेंगी।

ये है गणित: सब मिलकर लड़ें
देशभर में 375 लोकसभा सीटें ऐसी हैं, जहां भाजपा मुकाबले में है। इनमें 200 सीटें ऐसी हैं जहां भाजपा-कांग्रेस की सीधी टक्कर है। इन सीटों पर विपक्ष कांग्रेस काे समर्थन दे। वहीं कांग्रेस ऐसे राज्यों में दखल न दे, जहां दूसरे दल भाजपा को सीधी टक्कर दे रहे हैं।

कोर रणनीति: ‘नो वोट टू बीजेपी’

  • भाजपा की मजबूती वाले राज्यों में प्रत्याशी को सीधी टक्कर। गैर भाजपा शासित राज्यों में गैर भाजपा गठबंधन दलों को समर्थन।
  • साझा अभियान, ‘नो वोट टु बीजेपी’ नारा।
  • मुकाबले काे मोदी बनाम गांधी न बनने देना।
  • नेतृत्व का निर्णय चुनाव बाद के परिदृश्य पर।
  • शरद पवार पितामह की भूमिका में उभरना चाहते हैं। ममता का मकसद बंगाल में एकछत्र राज कायम रखना है। सोनिया कांग्रेस को पुनर्जीवित कर 10 जनपथ का पुराना वर्चस्व कायम करना चाहेंगी।
  • धार्मिक, भावनात्मक,राष्ट्रवाद के मुद्दों का जवाब महंगाई, पेगासस, किसान आंदोलन, बेराेजगारी, कोरोना महामारी जैसे जमीनी मुद्दों से दिया जाए।

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