महंगाई से राहत नहीं: बजट के तीन दिन बाद बढ़े पेट्रोल और डीजल के दाम

नई दिल्ली। सरकारी तेल कंपनियों ने 7 दिन बाद एक बार फिर पेट्रोल और डीजल के दाम बढा दिए हैं। राजधानी दिल्ली और मुंबई में दोनों की कीमतों में 31 पैसे-35 पैसे का इजाफा हुआ है। गुरुवार को दिल्ली में पेट्रोल 86.65 रु प्रति लीटर और डीजल 76.83 रु के दाम पर बिक रहा है। यहां 1 जनवरी से अब तक पेट्रोल का दाम 2.94 रु और डीजल का 2.96 रु बढ़ चुका है। जनवरी से पहले फ्यूल प्राइसेस में 29 दिनों तक स्थिरता थी।

गंगानगर में सबसे महंगा डीजल-पेट्रोल
मुंबई में पेट्रोल 93.18 रुपए प्रति लीटर और डीजल 83.65 रुपए प्रति लीटर के दाम पर बिक रहा है। सबसे ज्यादा राजस्थान के गंगानगर में पेट्रोल 96.94 रुपए प्रति लीटर के दाम पर बिक रहा है। डीजल का दाम भी सबसे महंगा 88.70 रुपए प्रति लीटर यहीं है।

पेट्रोल-डीजल पर नया सेस लागू
2 फरवरी से पेट्रोल-डीजल पर एग्रीकल्चर इंफ्रास्ट्रक्चर एंड डेवलपमेंट सेस लागू है। सेस पेट्रोल पर प्रति लीटर 2.5 रु, जबकि डीजल पर 4 रु प्रति लीटर के हिसाब से लागू किया गया। हालांकि, 2 दिन तक तेल की कीमत में कोई फर्क नहीं पड़ा। लेकिन तीन दिन बाद दोनों के दाम एक बार फिर बढ़ोतरी दर्ज की जडा रही है। बता दें कि पेट्रोल-डीजल के दाम में एक्साइज ड्यूटी, डीलर कमीशन और अन्य चीजों को जोड़ने पर इसके दाम करीब दो गुना हो जाते हैं।

बढ़ते दाम से जनता बेहाल, लेकिन सरकार मालामाल
2014 में पेट्रोल पर 9.48 रु. और डीजल पर 3.56 रु. एक्साइज ड्यूटी लगती थी। नवंबर 2014 से जनवरी 2016 के बीच सरकार ने इसे बढ़ाया था। इन 15 महीनों में पेट्रोल पर एक्साइज ड्यूटी बढ़कर 11.77 रुपए और डीजल पर 13.47 रुपए हो गई। इससे सरकार की कमाई भी बढ़ी है।

कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट (CGA) के मुताबिक, 2020 के अप्रैल-नवंबर के दौरान पेट्रोल और डीजल पर एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन में 48% की बढ़त दर्ज की गई है। आठ महीने के दौरान एक्साइज ड्यूटी कलेक्शन 1.96 लाख करोड़ रुपए रहा, जो पिछले साल की समान अवधि में 1.32 लाख करोड़ रुपए रहा था।

कच्चे तेल की कीमत भी बढ़ी
भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा तेल खरीदार है। 2019-20 में करीब 101.4 अरब डॉलर का कच्चा तेल खरीदा था। गुरुवार को इंटरनेशनल ऑयल मार्केट में कच्चा तेल 58.62 डॉलर प्रति बैरल के भाव पर कारोबार कर रहा है, जबकि वेस्ट टेक्सास इंटरमीडियट (WTI) क्रूड 55.92 डॉलर प्रति बैरल है। पिछले साल अप्रैल में कोरोना महामारी के बढ़त प्रकोप के चलते कच्चे तेल की कीमत रिकॉर्ड गिरावट के साथ 19.90 डॉलर प्रति बैरल के दाम पर आ गया था।

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