माइक्रोसॉफ्ट ने टिक टॉक खरीद का सौदा फिलहाल रोका

वाशिंगटन। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तरफ से सोशल नेटवर्किंग ऐप टिक टॉक को बंद करने की बात कहने के बाद अब प्रौद्योगिकी क्षेत्र की कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने उसे खरीदने की अपनी सभी तैयारियों को रोक दिया है, इसके लिए उसने अपनी निर्माता कंपनी बाइटडांस के साथ चल रही बातचीत आगे बढ़ाने का निर्णय वापस ले लिया है। जबकि पहले यह तय हो गया था कि चीनी विवादास्पद ऐप ‘टिक टॉक’ अमेरिकी हाथों में आगामी सप्‍ताह में पूरी तरह से चला जाएगा।
इससे पहले खबर आई थी कि अमेरिकी निवेशक सिक्वॉअ कैपिटल और जनरल एटलांटिक इसे ख़रीदने के लिए क़रीब सौ अरब डॉलर निवेश कर रहे हैं। फिर इसे पूरी तरह से खरीदने के लिए माइक्रोसॉफ्ट आगे आया। माइक्रोसॉफ्ट ने फिलहाल इस पर कोई प्रतिक्रिया करने से इनकार किया है।
उल्‍लेखनीय है कि अमेरिकी राष्‍ट्रपति ट्रम्प ने शुक्रवार को पत्रकारों से बातचीत में कहा था कि वह टिक टॉक को बंद करने की योजना बना रहे है जो अमेरिकी से संचालन करने वाली सोशल नेटवर्किंग ऐप यूट्यूब और फेसबुक की संभावित प्रतिद्वंद्वी है। साथ ही ट्रम्प ने यह संकेत भी दिए थे कि अमेरिका सरकार टिकटॉक को बंद करने के अलावा अन्य विकल्पों पर भी विचार कर रही है।
दरअसल, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प से पत्रकारों ने इस बारे में पूछा था तब उन्होंने कहा था कि वह तो इस ऐप पर पूरी तरह प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रहे हैं। ट्रम्प प्रशासन पहले ही इसे राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए ख़तरा बता चुका है। हालांकि टिकटॉक का कहना है कि उसके पास उपभोक्ताओं का डाटा सुरक्षित रहता है और यह चीनी अधिकारियों के साथ साझा नहीं किया जाता है। इसलिए व किसी भी तरह से किसी भी देश की सुरक्षा के लिए खतरा नहीं है।
इसके बारे में अमेरिकी वित्त मंत्री स्टीव म्नुचिन ने इस सप्ताह की शुरुआत में कहा था कि प्रशासन टिक टॉक की राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर समीक्षा कर रहा है जिसके बाद आवश्यकता अनुसार विभाग टिक टॉक पर कार्रवाई के लिए राष्ट्रपति ट्रम्प को सलाह देगा। इसी तरह से विदेश मंत्री माइक पोम्पियो पहले ही कह चुके हैं कि सरकार निजता के उल्लंघन को ध्यान में रखते हुए टिकटॉक पर प्रतिबंध लगाने पर विचार कर रही है ।
द वाल स्ट्रीट जर्नल ने सूत्रों के हवाले से बताया गया है  कि बाइटडांस और माइक्रोसॉफ्ट, टिकटॉक पर भविष्य में की जाने वाली कार्रवाई को लेकर स्थिति के सामान्‍य होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं। अमेरिकी राष्ट्रपति के इस बयान के बाद टिकटॉक ने अगले तीन वर्षों के दौरान अमेरिका में दस हजार नौकरी पैदा करने की भी बात कही है। श्री ट्रम्प के इस बयान से पहले ही टिकटॉक की खरीद के लिए माइक्रोसॉफ्ट और बाइटडांस के बीच बातचीत अंतिम चरण में थी और सोमवार तक इस सौदे के हो जाने अनुमान था।
गौरतलब है कि टिक टॉक एक चीनी कंपनी ‘बाइट डाँस’ की उत्पत्ति है, बाद में उसने ख़ुद को टिक टॉक में मिला दिया था। बाइटडांस की स्थापना सन 2014 में सैन फ़्रांसिस्को में हुई थी, तब शुरू में म्यूज़िक वीडियो तक सीमित थी। कालांतर में दुनिया भर की युवा पीढ़ी को लुभाने के लिए इसने सोशल मीडिया से संबद्ध किया। इसके बाद अब वैश्विक स्तर पर इसके 80 करोड़ यूज़र्स हो गए है। इसके न्यूयॉर्क और लॉस एंजेल्स दफ़्तरों में हज़ारों कर्मचारी हैं। इसने डिज़्नी के एक वरिष्ठ अधिकारी केविन मेयर को ऊंचे ओहदे पर रख लिया है।
चीनी कंपनी भरपूर कोशिश में है कि वह वाल स्ट्रीट के धुरंधर लॉबिस्ट की मदद से किसी तरह इस कंपनी को ट्रम्प की निगाहों से बचाने में सफल हो जाए और इसे किसी अमेरिकी कंपनी के हाथों में सुपुर्द कर दे। इसके लिए लम्‍बे समय से प्रयास भी किए जा रहे थे, लेकिन अब वर्तमान स्‍थ‍ितियों में नहीं लगता कि कंपनी को कोई अमेरिकन कंपनी अपनी सरकार के विरोध में जाकर खरीदने के लिए आगे आए। भारत में इसे हाल में 59 चीनी एप्स के साथ प्रतिबंधित किया गया है। इस बीच चीन ने अमेरिका से कहा है कि वह सरकारी तंत्र के जरिये चीनी कंपनियों पर दबाव डालना बंद करे।
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