नई दिल्ली। तीन तलाक बिल को सरकार 2019 के आम चुनावों में भुनाना चाहती है इसलिए वह चाहती है कि इसी मानसून सेशन में इस बिल पर राज्यसभा की भी मोहर लग जाए। उल्लेखनीय है कि राज्यसभा के उप सभापति चुनाव में विपक्षी पार्टियों से मिले वोट ने भाजपा को बड़ी राहत दी है। वह तीन तलाक बिल के मामले में भी विपक्षी एकता में सेंध लगाने की कोशिश करेगी। उल्लेखनीय है कि संसद के 14वीं लोकसभा के मानसून सत्र का आज (शुक्रवार को) आखिरी दिन है। राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक को लेकर हंगामा हो सकता हैं। तीन तलाक विधेयक को लेकर भाजपा ने अपने सभी सांसदों को सदन में उपस्थित रहने के लिए व्हिप जारी किया है। बिल के प्रावधानों का विरोध कर रहे विपक्ष दल इसपर जमकर हंगामा करेंगे।
उल्लेखनीय है कि कल ही सरकार ने विपक्षी पार्टियों को साधने के लिए तीन तलाक बिल में संशोधन किया था। लेकिन कई मामलों की अनदेखी कर दी गयी है इसलिए विपक्षी पार्टियों को साथ लाना सरकार के लिए टेढी खीर साबित हो सकती है। कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा कि केन्द्रीय कैबिनेट ने ‘मुस्लिम विवाह महिला अधिकार संरक्षण विधेयक’ में तीन संशोधनों को मंजूरी दी है। इस विधेयक को लोकसभा द्वारा मंजूरी दी जा चुकी है और यह राज्यसभा में लंबित है। प्रस्तावित कानून ‘‘गैरजमानती’’ बना रहेगा, लेकिन आरोपी जमानत मांगने के लिए सुनवाई से पहले भी मजिस्ट्रेट से गुहार लगा सकते हैं। गैरजमानती कानून के तहत, जमानत पुलिस द्वारा थाने में ही नहीं दी जा सकती। प्रसाद ने कहा कि प्रावधान इसलिए जोड़ा गया है ताकि मजिस्ट्रेट ‘पत्नी को सुनने के बाद’ जमानत दे सकें। उन्होंने स्पष्ट किया, ‘लेकिन प्रस्तावित कानून में तीन तलाक का अपराध गैरजमानती बना रहेगा।’ सूत्रों ने बाद में कहा कि मजिस्ट्रेट यह सुनिश्चित करेंगे कि जमानत केवल तब ही दी जाए जब पति विधेयक के अनुसार पत्नी को मुआवजा देने पर सहमत हो।
इन सभी हालात को देखते हुए लिहाजा, इस बिल को संसद की मंजूरी मिलने की पूरी उम्मीद जताई जा रही है। इससे पहले गुरुवार को सरकार ने मुस्लिमों में तीन तलाक से जुड़े प्रस्तावित कानून में आरोपी को सुनवाई से पहले जमानत जैसे कुछ संरक्षणात्मक प्रावधानों को मंजूरी दे दी थी। सरकार ने इस कदम से इन चिंताओं को दूर करने का प्रयास किया है कि तीन तलाक की परंपरा को अवैध घोषित करने तथा पति को तीन साल तक की सजा देने वाले इस प्रस्तावित कानून का दुरुपयोग किया जा सकता है। राज्यसभा में तीन तलाक विधेयक को लेकर हंगामा हो सकता हैं। यह बिल आज यदि राज्यसभा में पास हुआ तो इस बिल को संशोधन के लिए लोकसभा में भेजा जाएगा। इसके लिए लोकसभा का मानसून सत्र एक दिन के लिए बढ़ाया जा सकता है।
वहीं दूसरी तरफ राफेल विवाद को मुख्य विपक्षी पार्टी कांग्रेस खाली नही जाने दे रही है। उल्लेखनीय है कि मुद्दों की कमी की वजह से वह सरकार को घेरने के लिए कोई नया मुद्दा नहीं तलाश कर पायी है। राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर शुक्रवार को संसद के बाहर विपक्ष सांसदों ने हंगामा मचा रखा है। सोनिया गांधी भी विपक्ष के साथ मिलकर इसका विरोध कर रही है। केन्द्र सरकार के खिलाफ विपक्ष नेता काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन करते हुए नारेबाजी कर रहे है। विपक्ष ने मांग की है कि राफेल सौदे पर जेसीपी बने। वहीं इससे पहले गुरुवार को लोकसभा में राफेल लड़ाकू विमान सौदे को लेकर कांग्रेस सांसदों के हंगामे के बीच सदन की कार्यवाही बाधित हुई। कांग्रेस नेता मल्लिकार्जुन खडगे ने शून्य काल में यह मामला उठाया और कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ समझौता किया गया। सरकार फ्रांस के साथ हुए राफेल करार मामले में देश को गुमराह कर रही है। खडगे ने कहा कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार के कार्यकाल में प्रति विमान 526 करोड़ रुपए का करार किया गया था। उन्होंने कहा कि लेकिन अब विमान की कीमत तीन गुना बढकर 1600 करोड़ रुपए प्रति विमान हो गई है।