मायावती ने 7 विधायकों को किया बर्खास्त, कहा लेंगे अखिलेश से बदला

लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की अध्यक्ष मायावती ने गुरुवार को 7 विधायकों को पार्टी से निष्कासित कर दिया और समाजवादी पार्टी (सपा) पर दलित विरोधी होने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि 1995 के गेस्ट हाउस कांड के मामले को वापस लेना उनकी एक ‘गलती’ थी। एक प्रेस बयान में मायावती ने कहा कि उन्होंने 2 जून 1995 की घटना को किनारे रखकर 2019 में सपा के साथ गठबंधन किया था।

उन्होंने कहा, “अखिलेश लगातार सतीश चंद्र मिश्रा को गेस्ट हाउस कांड वापस लेने के लिए कह रहे थे। लोकसभा चुनाव में बसपा ने सपा के उम्मीदवारों का पूरा समर्थन दिया लेकिन हमें उनके वोट नहीं मिले।”

उन्होंने आगे कहा, “जिन 7 विधायकों ने पार्टी के साथ विश्वासघात किया है, उन्हें पार्टी से निकाला जा रहा है। निष्कासित विधायक- असलम चौधरी, असलम रैनी, मुजतबा सिद्दीकी, हाकम लाल बिंद, गोविंद जाटव, सुषमा जाटव और वंदना सिंह हैं।”

उन्होंने कहा कि जैसे ही ये विधायक दलबदल विरोधी कानूनों का उल्लंघन करेंगे, उनके खिलाफ अयोग्य ठहराए जाने वाली याचिकाएं लगाई जाएंगी।

मायावती ने यह भी घोषणा की कि वह आगामी विधान परिषद के चुनावों में अपनी पार्टी के साथ किए गए गलत कामों का बदला लेंगे। हम सपा प्रत्याशी की हार सुनिश्चित करेंगे। मैं अखिलेश को बताना चाहती हूं कि उन्होंने हमारी पार्टी को 2003 में भी विभाजित किया था और फिर जनता ने 2007 में उन्हें सत्ता से बाहर कर दिया था।

राज्यसभा चुनाव के दौरान हुए ड्रामे को लेकर उन्होंने कहा कि मिश्रा ने सपा सांसद प्रो. राम गोपाल यादव से पूछा था कि क्या उनकी पार्टी दूसरे उम्मीदवार को मैदान में उतारेगी, तो उन्होंने कहा था कि पार्टी दूसरा उम्मीदवार नहीं उतारेगी।

उन्होंने कहा, “इसके बाद हमने अपना उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला किया ताकि हमारे सदस्य अन्य उम्मीदवारों के साथ मोलभाव न कर सकें। लेकिन सपा ने धोखा देते हुए आखिरी समय में एक उद्योगपति को चुनावी मैदान में उतार दिया।”

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here