लखनऊ। उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर BJP ने अपनी तैयारियों को अमलीजामा पहनाने की कवायद शुरू कर दी है। पंचायत चुनाव में मिली जीत के बाद लखनऊ में यूपी BJP की कार्यकारिणी की बैठक हुई थी। इसमें बूथ मैनेजमेंट से लेकर आगामी तैयारियों पर चर्चा की गई थी। अब दिल्ली में दो दिवसीय बैठक आज से शुरू होगी।
बैठक में यूपी के सांसदों को बुलाया गया है। इस बैठक में CM योगी के भी शामिल होने की संभावना जताई जा रही है। सांसदों से फीडबैक लेने के बाद ही अब BJP की तरफ से आगे की रणनीति तैयार की जाएगी।
4 वर्षों के बाद पहली बार सांसदों से बात करेंगे CM
2017 में यूपी की बागडोर संभालने के बाद यह पहला मौका होगा, जब दिल्ली में योगी CM सीधे यूपी के सांसदों से मुखातिब होंगे। 28 और 29 जुलाई को होने वाली इस बैठक में यूपी के सांसदों के साथ प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह, संगठन मंत्री सुनील बंसल भी शामिल होंगे। साथ ही यूपी प्रभारी राधा मोहन सिंह भी मौजूद रहेंगे।
पार्टी से जुड़े सूत्रों की माने तो बैठक में पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा भी शामिल हो सकते हैं। बैठक का मकसद 2022 की रणनीति और उसमें सांसदों को भूमिका को लेकर है। बैठक में सांसदों से मुलाकात कर चुनाव के बारे में क्षेत्र का फीडबैक लिया जाएगा साथ ही उन्हें कुछ अहम जिम्मेदारियां भी सौंपी जा सकती हैं।
ये है कार्यक्रम
- 28 को बृज, पश्चिम और कानपुर क्षेत्र के सांसदों के साथ होगी बैठक
- 29 को अवध, काशी और गोरखपुर क्षेत्र के सांसदों के साथ होगी बैठक
सासंदों को दिया जा सकता विधानसभा का प्रभार
चर्चा यह भी है कि इस बैठक में सांसदों को अहम जिम्मेदारी सौंपी जाएगी। BJP के सभी 62 सांसदों को उनके संसदीय क्षेत्र के विधानसभा का प्रभारी भी बनाया जा सकता है। जिस तरह से सरकार ने अपने मंत्रियों को जिलों का प्रभारी बनाया है, उसी तरह अब सांसदों को भी विधानसभा के प्रभारी बनाया जायेगा। सांसदों की जिम्मेदारी अपने प्रभार वाले विधानसभा को जिताने की जिम्मेदारी होगी।
बैठक में आगामी विधानसभा चुनाव को लेकर होगी चर्चा
बताया जा रहा है कि लखनऊ में को हुई यूपी BJP कार्यकारिणी की बैठक में पार्टी ने 2022 के लिए जो रणनीति तैयार की है। उस बारे में सांसदों को जानकारी दी जाएगी। साथ ही कार्यकारिणी में तय अभियानों से भी सांसदों को जोड़ा जाएगा। इतना ही नहीं सांसदों की शिकायतों की सुनवाई भी होगी और उन्हें यह बताया जाएगा कि कैसे पार्टी 2022 में UP में इतिहास दोहराने जा रही है।
पार्टी सूत्रों की मानें तो संगठन सांसदो को 2022 की जित का सूत्रधार बनाना चाहता है। इतना ही नहीं चुनाव में पार्टी कुछ विधायकों के टिकट काट सकती है और संभव है कि कुछ विधानसभा क्षेत्र मे बगावत भी हो, ऐसी सूरत में बगावती तेवर वाले विधायकों से निपटने की जिम्मेदारी भी सासंंदों की होगी।
सांसदों के बाद विधायकों को भी मिलेगी जिम्मेदारी
पार्टी के एक बड़े नेता ने बाताया कि सासंदों के साथ इस बैठक के बाद सरकार और संगठन के बड़े पदाधिकारी यूपी में विधायकों के साथ भी बैठक कर रणनीति पर चर्चा करेंगे। कार्यकारिणी की बैठक में तय हुआ है कि पार्टी विधायकों को भी अभियान से जोड़ा जाएगा। सरकार के बड़े कामों को जनता के बीच लेकर जाने की जिम्मेदारी विधायकों की है।