बाराबंकी। पंजाब की जेल में बंद मुख्तार अंसारी की मोहाली कोर्ट में पेशी के दौरान इस्तेमाल की गई एंबुलेंस के मामले में शुक्रवार को धोखाधड़ी समेत दूसरी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। यह मुकदमा बाराबंकी एआरटीओ की तहरीर पर थाना नगर कोतवाली में दर्ज किया गया है।
दरअसल, पुलिस की जांच में एंबुलेंस के रजिस्ट्रेशन डाक्यूमेंट्स और मकान का पता फर्जी पाया गया है। जिसके चलते जिस डॉक्टर अल्का राय के नाम से एंबुलेंस का रजिस्ट्रेशन है, उनके खिलाफ पुलिस ने यह केस दर्ज किया है। बाराबंकी की नगर कोतवाली में केस दर्ज कर पुलिस ने जांच पड़ताल शुरू कर दी है।
बाराबंकी के पुलिस अधीक्षक यमुना प्रसाद ने बताया कि बीते कुछ दिनों से मीडिया के माध्यम से एक एंबुलेंस के बारे में सूचना मिल रही थी। यह वाहन बाराबंकी परिवहन कार्यालय में पंजीकृत मिली। परिवहन कार्यालय और बाकी संबंधित विभागों से इस एंबुलेंस के संबंध में सूचना इकट्ठा की गई।
यह सामने आया कि इस वाहन को रजिस्टर्ड कराने के लिए उपयोग में लाए गए कागजात फर्जी निकले। यह डाक्यूमेंट जिस पते पर दर्ज थे, वह पता भी नहीं मिला। इसके बाद मामले में धोखाधड़ी समेत कई संगीन धाराओं में डॉ. अल्का राय पर मुकदमा दर्ज कर सभी संबंधित लोगों के खिलाफ विधिक कार्रवाई की जाएगी।
2013 से इस्तेमाल हो रहा है एंबुलेंस
पंजाब की मोहाली कोर्ट में पेशी के दौरान मुख्तार अंसारी को ले जाने वाली एंबुलेंस बाराबंकी के निजी अस्पताल की निकली। इसके बाद लगातार नए-नए खुलासे होते जा रहे हैं। पता चला है कि मुख्तार के लिए 2013 से ही एंबुलेंस का इस्तेमाल हो रहा है। अलका राय के अस्पताल के नाम से 2013 में ही इस गाड़ी का रजिस्ट्रेशन हुआ है। सूत्रों का मानना है कि गाड़ी का पैसा भी मुख्तार ने ही दिया था। बाद में कागज ट्रांसफर कर लेने की बात भी हुई, लेकिन ट्रांसफर नहीं हो सका।
पूर्व डीजीपी ने दिया बड़ा बयान
पूर्व डीजीपी बृजलाल ने मुख्तार अंसारी की लग्जरी एंबुलेंस को लेकर बड़ी बात कही है। कहा कि ये गाड़ी पूरी तरह बुलेटप्रूफ है और मुख्तार इसी एंबुलेंस का इस्तेमाल करता था। इस एंबुलेंस का चालक मुख्तार का बेहद करीब माना जाता है।
डॉक्टर अलका राय।
नाम आने पर डॉक्टर अलका ने दी थी सफाई
डॉक्टर अलका राय ने गुरुवार को कहा था कि उनका मऊ में श्याम संजीवनी हॉस्पिटल के नाम से उनका एक अस्पताल है, जबकि एम्बुलेंस का रजिस्ट्रेशन बाराबंकी से किया गया है। जहां उनका कोई अस्पताल या संस्था नहीं है। यदि कोई अस्पताल है भी तो उससे मेरा कोई लेना-देना नहीं है।
साल 2013 में मऊ सदर से विधायक मुख्तार अंसारी के प्रतिनिधि द्वारा अस्पताल के नाम से एम्बुलेंस संचालित करने के लिए आवश्यक दस्तावेजों पर हस्ताक्षर आदि मांगे गए थे, जिसको उनके अस्पताल के निदेशक ने पूरा किया था। उसके बाद वह एम्बुलेंस कहां गया, कहां आया इसकी जानकारी नहीं है। अब मीडिया से पता चला कि उसका इस्तेमाल मुख्तार पंजाब में कर रहा है।