लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘गंगा दशहरा’ पर्व पर सभी को शुभकामनाएं देते हुए मां गंगा से सभी का कल्याण करने की कामना की है। मुख्यमंत्री ने सोमवार को ट्वीट किया कि पुण्यसलिला, पापनाशिनी, मोक्ष प्रदायिनी, राष्ट्र नदी, भगवती भागीरथी मां गंगा के पृथ्वी पर अवतरण दिवस, दान एवं स्नान के महापर्व, ‘गंगा दशहरा’ की सभी जनों को कोटि-कोटि शुभकामनाएं। उन्होंने कहा कि मां गंगा हम सबका कल्याण करें और उनका आशीर्वाद समस्त जगत को निरंतर प्राप्त होता रहे, ऐसी कामना है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि पतित पावनी के अवतरण दिवस पर शारीरिक दूरी (सोशल डिस्टेंसिंग) के पालन का संकल्प ‘आचमन’ समान पुण्य लाभ से अभिसिंचित करेगा तथा मां गंगा का आशीर्वाद इहलोक और परलोक दोनों के लिए कल्याणकारी होगा।
उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने ट्वीट किया कि ‘ऊं नमो भगवति हिलि हिलि मिलि मिलि गंगे मां पावय पावय स्वाहा।’ उन्होंने कहा कि पृथ्वी पर माता गंगा जी के अवतरण दिवस पर मनाये जाने वाले गंगा दशहरा स्नान पर्व की समस्त देश प्रदेश वासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं।
उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने ट्वीट किया कि आप सभी को गंगा दशहरा स्नान पर्व की हार्दिक शुभकामनाएं। आज ही के दिन माता गंगा का धरती पर हस्त नक्षत्र में अवतरण हुआ। माता गंगा एवं भगवान भोलेनाथ जी आपकी और आप के परिवार की कोरोना वैश्विक महामारी से रक्षा करें।
गंगा दशहरा के मौके पर तीर्थ राज प्रयागराज में अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरी और महामंत्री हरि गिरि जी के साथ साधु संतों ने गंगा स्नान किया है। इस मौके पर साधु-संतों ने कोरोना वायरस से देश और दुनिया को मुक्त कराने के लिए मां गंगा से प्रार्थना की है। वहीं श्रद्धालुओं ने आस्था की डुबकी लगाई। संगम के घाट जनता कर्फ्यू के दिन से ही सूने पडे़ हुए थे। लेकिन, गंगा दशहरा के पर्व पर सुबह से ही संगम में श्रद्धालु पहुंचने लगे।
इस वजह से संगम के घाट भी श्रद्धालुओं से पूरी तरह से गुलजार नजर आ रहे हैं। गंगा के तट पर पटरी दुकानदारों की दुकानें भी सजी हुई हैं और श्रद्धालु गंगा स्नान के साथ ही गंगा में दीपदान कर मां गंगा की पूजा अर्चना कर रहे हैं। हालांकि गंगा दशहरा के पर्व पर कोरोना का खौफ भी साफ नजर आ रहा है। लोग संगम पर भी शारीरिक दूरी का पालन करते हुए पूजा अर्चन कर रहे हैं।
वहीं शिव नगरी वाराणसी में मंदिरों में दर्शन पूजन और गंगा आरती बंद होने,घाटों पर आवागमन पर लगी रोक के चलते पर्व पर भी सन्नाटा पसरा रहा। शहर के प्रमुख घाटों पर सुरक्षा बल और पुलिस कर्मियों के तैनाती के चलते श्रद्धालु घाटों पर जा नहीं पाये।
पौराणिक मान्यता है कि गंगा माता ज्येष्ठ शुक्ल पक्ष की दशमी को ही धरती पर अवरित हुईं थी। यही कारण है कि इसे गंगा दशहरा के नाम से पूजा जाना जाने लगा। स्कंद पुराण में दशहरा नाम का गंगा स्तोत्र दिया हुआ है। मान्यता है कि आज के दिन गंगा स्नान से कई यज्ञ करने के बराबर पुण्य प्राप्त होते हैं। इस दिन दान का भी विशेष महत्व है।