लखनऊ । उत्तर प्रदेश में पांच वर्ष तक की उम्र के बच्चों को पोलियो से बचाने के लिए रविवार से पल्स पोलियो अभियान शुरू किया गया। एक हफ्ते तक चलने वाले इस अभियान का शुभारंभ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गोरखपुर से किया। उन्होंने मनीषा, प्रमिला समेत पांच बच्चियों को पोलियो ड्राप भी पिलाया।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा उत्तर प्रदेश के पल्स पोलियो अभियान का शुभारंभ गोरखपुर की पावन धरती से हो रहा है। ये संंक्रामक महामारी जो अस्थाई दिव्यांगता का कारण भी बनती है इसके उन्मूलन के लिए इस अभियान की शुरुआत हो रही है। पिछले 12 वर्ष के दौरान पाकिस्तान और अफगानिस्तान में इसके मामले देखने को मिले हैं। जब तक पूरे विश्व से इस संक्रामक बीमारी का उन्मूलन नहीं हो जाता, तब तक इस सतर्कता के लिए हमें वर्तमान और भावी पीढ़ी को बचाने की दिशा में एक सार्थक प्रयास करना होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में 2012 के बाद से और भारत में 2011 के बाद से पोलियो का एक भी केस नहीं मिला है। उत्तर प्रदेश ने इस बीमारी का समाधान 2012 में सफलतापूर्वक निकाल लिया था। उसके बाद से प्रदेश के अंदर कोई मामला देखने को नहीं मिला है। लेकिन जब तक दुनिया से इसका समूलन उन्मूलन नहीं हो जाता, तब तक वर्तमान व भावी पीढ़ी को बचाने के लिए यह अभियान चलता रहेगा।
सीएम योगी ने कहा कि 40 वर्षों में 50 हजार बच्चों को निगलने वाली इंसेफ्लाइटिस बीमारी की रोकथाम में काफी हद तक सफलता मिल चुकी है। 95 प्रतिशत मौतों की रोकथाम हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में कोविड प्रबंधन में पूरे देश में उत्तर प्रदेश अग्रणी रहा है। पूरी दुनिया में इसकी सराहना की गई। इसमें अंतर्विभागीय समन्वय की बड़ी भूमिका रही। इसी तरह हम पोलियों के समूल उन्मूलन में भी सफलता हासिल करेंगे।
पांच साल तक की उम्र के कुल 3.80 करोड़ बच्चों को पल्स पोलियो ड्राप पिलाई जाएगी। बच्चों को दो बूंद जिंदगी की पिलाने के लिए 1.10 लाख बूथ बनाए गए हैं। राज्य टीकाकरण अधिकारी डा. अजय घई ने बताया कि अभियान के लिए सभी जरूरी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।
बच्चों को पोलियो ड्राप पिलाने के लिए सोमवार से घर-घर टीमें भेजी जाएंगी। सभी अभिभावकों से अपील की गई है कि वह बच्चों को पोलियो से बचाने के लिए पल्स पोलियो ड्राप जरूर पिलाएं। सभी जिलों को निर्देश दिए गए हैं कि अभियान को बेहतर ढंग से चलाया जाए और कहीं कोई लापरवाही न हो।
सभी जरूरी तैयारियां पहले की तरह पूरी कर ली जाएं। घर-घर भेजी जा रही टीमों ने कितने बच्चों को ड्राप पिलाई इसकी सघन मानीटरिंग भी की जाए। पांच वर्ष तक के शत-प्रतिशत बच्चों को पोलियो ड्राप जरूर पिलाई जाए।