प्रयागराज। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को गोली मारने की पोस्ट डालने वाले नालंदा बिहार में तैनात पुलिस कांस्टेबल की सशर्त जमानत मंजूर कर ली है। कोर्ट ने उसे मुकदमे का फैसला होने या दो साल तक सोशल मीडिया का प्रयोग करने पर रोक लगा दी है। कहा है कि जमानत पर रिहा होने के दौरान वह विचारण मे सहयोग करेगा, साक्ष्य से छेड़छाड़ नहीं करेगा, गवाहों पर दबाव नहीं डालेगा, आपराधिक गतिविधियों में लिप्त नहीं होगा। कोर्ट ने कहा है कि यदि शर्तों का उल्लंघन होता है तो उसके जमानत निरस्त करने का आधार होगा।
यह आदेश न्यायमूर्ति सिद्धार्थ ने कांस्टेबल तनवीर अहमद खान की जमानत अर्जी पर दिया है। याची के खिलाफ गाजीपुर के दिलदारनगर थाने में आईटी एक्ट के तहत एफआईआर दर्ज करायी गयी है। उसे तीन मई को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। याची का कहना था कि उसने पोस्ट नहीं डाली है। जैसे पता चला, बिना किसी के पढे़ डिलीट कर दिया। घटना के समय वह बिहार में ड्यूटी पर था। कोर्ट ने दाताराम केस में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के आधार पर जमानत मंजूर कर ली।