कानपुर। नगर निगम और जलकल अधिकारियों की उदासीनता के चलते मुख्यमंत्री हेल्पलाइन में आने वाली शिकायतों पर भी ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते सैकड़ों की संख्या में शिकायतें डिफाल्टर हो रही हैं। शिकायतकर्ता को ऑनलाइन शिकायत करने के बावजूद भी विभागों के चक्कर काटना पड़ रहा है। कई विभागों की 139 से ज्यादा शिकायतें डिफाल्टर हो गई हैं। इसका मतलब ये है कि इन शिकायतों को तय समय पर निस्तारित नहीं किया गया।
धड़ल्ले से होते हैं फर्जी निस्तारण
आईजीआरएस, सीएम हेल्पलाइन में आने वाली शिकायतों को निस्तारित करने के लिए 21 दिन का समय दिया जाता है। इसके बाद भी शिकायत का निस्तारण नहीं होता है तो वह डिफाल्टर कैटेगिरी में चली जाती है। जबकि मुख्यमंत्री लगातार ऑनलाइन शिकायतों के निस्तारण पर नजर रखते हैं। इसके अलावा महीने के हर तीसरे सोमवार को इसकी समीक्षा होती है। समीक्षा से पहले अधिकारी फर्जी निस्तारण कर शिकायतों को जीरो कर देते हैं।
अपर नगर आयुक्त ने जारी किया नोटिस
नगर निगम और जलकल द्वारा बरती जा रही लापरवाही को लेकर अपर नगर आयुक्त रोली गुप्ता ने सभी विभागों को नोटिस भी जारी किए हैं। जल्द निस्तारण के निर्देश दिए हैं। वहीं नगर निगम स्वास्थ्य विभाग की सबसे ज्यादा शिकायतें डिफाल्टर हैं। इसमें सबसे ज्यादा कंप्लेन कूड़ा व नाला सफाई से संबंधित हैं। वहीं बुधवार सुबह से ही आईजीआरएस वेबसाइट न चलने से शिकायतों का निस्तारण नहीं हो पा रहा है।
इस प्रकार है शिकायतों की डिटेल
विभाग- डिफाल्टर कंप्लेन
जलकल- 36
चीफ इंजीनियर नगर निगम-31
चीफ इंजीनियर लाइटिंग- 06
स्वास्थ्य विभाग- 66