नई दिल्ली। पिछले दिनों पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी के साथ हुई दुर्घटना मामले में निर्वाचन आयोग, भेजी गई रिपोर्ट से संतुष्ट नहीं है। इस मामले में निर्वाचन आयोग राज्य के मुख्य सचिव अलापन बंदोपाध्याय ने विस्तृत रिपोर्ट मांगी है। इसके लिए उन्होंने शनिवार शाम पांच बजे तक का समय दिया गया है। विशेष पुलिस पर्यवेक्षक विवेक दुबे और विशेष पर्यवेक्षक अजय नायक को ये रिपोर्ट देनी है।
बताया जा रहा है कि बीते दिन आयोग के मुख्य सचिव को तय समय में रिपोर्ट सौंपी गई लेकिन इस रिपोर्ट से वह पूरी तरह से संतुष्ट नहीं हुए। आयोग को जो रिपोर्ट दी गई उसमें तथ्यों का तो जिक्र किया गया लेकिन घटना के कारणों का स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई। इससे ये साफ़ पता नहीं चल पा रहा कि आखिर घटना की असली वजह क्या है। साथ ही ये भी नहीं पता चल रहा कि घटना कहां और कैसे हुई है?
दरअसल मुख्य सचिव ने जो रिपोर्ट चुनाव आयोग को भेजी उसमें भीड़ का दबाव, तंग सड़क, सड़क के एकदम किनारे लोहे का खंभा, दरवाजे का झटके से बंद होना, ममता बनर्जी के बाहर निकले पैर का घायल होना जैसी तथ्यात्मक बातों को लिखा है, लेकिन इस रिपोर्ट से किसी निर्णय तक नहीं पहुंचा जा सकता।
इसके अलावा रिपोर्ट से ये भी नहीं पता चल पा रहा है कि नंदीग्राम में ममता बनर्जी के पैर में लगी चोट हादसा था या हमला। यही नहीं प्रत्यक्षदर्शियों के मत भी इस रिपोर्ट में अलग-अलग बताए गये हैं।अधिकतर प्रत्यक्षदर्शी किसी न किसी पार्टी से जुड़े होने के नाते पार्टी लाइन पर ही बयान दर्ज करा रहे हैं, जोकि निष्पक्ष नहीं लग रहा है।
बताया गया है कि जिला पुलिस को सीएम सुरक्षा की तरफ से जो जानकारी मिली थी उसके अनुसार सीएम के रूट को सैनिटाइज तो किया गया था लेकिन नाकेबंदी नहीं की गई क्योंकि सीएम कहां-कहां रुकेंगी इस बात की जानकारी किसी को नहीं थी।जब ये घटना हुई उस समय वहां भीड़ मौजूद थी।
भीड़ सीएम के वाहन के बिल्कुल पास है ये तो मोबाइल के वीडियो से पता चल रहा है लेकिन कोई ऐसा वीडियो उपलब्ध नहीं हो पाया है जिससे यह पता चल सके कि कार का दरवाजा लोहे के खंभे से टकराया था। इस बारे में भी स्पष्ट सबूत नहीं हैं कि कार के दरवाजे को धक्का दिया गया। इसलिए अभी और विस्तृत जांच की जरूरत है।