मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया और उजमा परवीन हाउस अरेस्ट

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में कोरोना महामारी को लेकर जारी लॉकडाउन में अपने खर्चे पर सैनिटाइजेशन का काम कर चर्चा में आईं सैय्यद उजमा परवीन को पुलिस ने दो दिन के हाउस अरेस्ट (नजरबंद) कर दिया है। वहीं, शायर मुनव्वर राणा की बेटी सुमैया राणा भी मंगलवार से नजरबंद हैं।

दोनों के घरों के बाहर सुरक्षाकर्मी मुस्तैद हैं। सुमैया और उजमा परवीन आज मुख्यमंत्री आवास चौराहे पर बेरोजगारों के हक में ताली-थाली बजाओ प्रदर्शन में शामिल होने वाली थीं। इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने उन्हें दो दिनों के लिए नजरबंद किया है।

उजमा परवीन के आवास के बाहर खड़े पुलिसकर्मी।
उजमा परवीन के आवास के बाहर खड़े पुलिसकर्मी।

 

मेरे परिवार पर बनाया जा रहा दबाव

चौक क्षेत्र में रहने वाली सैयद उजमा परवीन ने एक वीडियो संदेश जारी कर कहा कि, मुझे और मेरे परिवार को तोड़ने की कोशिश हो रही है, ताकि मैं बढ़ते अत्याचारों के खिलाफ आवाज न उठा सकूं। हमसे हमारा संवैधानिक छीना जा रहा है। उत्तर प्रदेश सरकार चाहती क्या है? मेरा गुना क्या है?

मैं अपने संवैधानिक हक के साथ लोगों की आवाज बनकर खड़ी हूं। मुझे अपने देश से बेहद मोहब्बत है। इसीलिए मैंने अपने बच्चों की स्कूल की फीस जो सेविंग कर रखी थी। उसको भी इस सैनिटाइजेशन में जो मजदूर पलायन कर रहे थे, उन्हें खाना खिलाने में तकरीबन आठ लाख खर्च कर दिए।

आज मैं बढ़ते कोरोना वायरस बेरोजगारी को लेकर अपनी बात रखने सीएम आवास जाना चाहती थी तो मुझे भी हाउस अरेस्ट कर दिया गया।

कोरोना योद्धा का सम्मान सरकार ने दिया था
परवीन का कहना है कि सुमैया राणा की हाउस अरेस्टिंग दो दिन और रहेगी। मुझे भी हाउस किया गया है। लॉकडाउन में लखनऊ का कोरोना योद्धा सम्मान सरकार की तरफ से दिया गया था।

आज मैं और सुमैया राणा दोनों मिलकर कोरोना वायरस के बीच बढ़ती बेरोजगारी बच्चों की स्कूल की फीस माफी के लिए सीएम आवास पर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ औरतों में थाली और ताली के साथ उत्तर प्रदेश की सरकार को अपना पैगाम पहुंचाने जा रही थीं। ताकि वह थाली और ताली की आवाज से जागरूक हो सकें तो नजरबंद कर दिया गया।

अखिलेश ने किया आवाहन, कांग्रेस ने किया समर्थन

उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर युवाओं से अपील की है कि 9 सितंबर को 9 बजे 9 मिनट तक बेरोजगारी के खिलाफ दिए जलाएं, ताकि आपकी आवाज सरकार के कानों तक पहुंच जाए। वहीं, इस आंदोलन को कांग्रेस ने भी समर्थन किया है।

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