लखनऊ। मैनपुरी लोकसभा सीट लंबे समय से मुलायम परिवार के पास रही है। मुलायम सिंह यादव के निधन से न सिर्फ मैनपुरी सीट खाली हो गई है बल्कि लोकसभा में यादव परिवार का प्रतिनिधित्व भी खत्म हो गया है। ऐसे में इस सीट पर मुलायम सिंह यादव के उत्तराधिकारी को लेकर चर्चा तेज हो चुकी है। मुलायम के अलावा इस सीट से धर्मेद्र यादव और तेज प्रताप यादव भी सांसद रह चुके हैं। दोनों उपचुनाव के जरिये संसद पहुंचे थे। ऐसे में इन दोनों का ही नाम सबसे ज्यादा चर्चा में ह।
इसके अलावा सपा प्रमुख अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव भी दावेदार हो सकती हैं। संयोग से डिंपल को भी उपचुनाव के जरिये संसद में जाने का मौका मिला था। पिछले चुनाव में भी धर्मेंद्र, तेज प्रताप और डिंपल अलग अलग सीटों से मैदान में उतरे थे लेकिन जीत नहीं सके थे।
धर्मेंद्र यादव का नाम सबसे आगे
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि लोकसभा में यादव परिवार की मौजूदगी बनाए रखने और राष्ट्रीय राजनीति में सपा की धाक के लिए यादव परिवार से ही किसी को मैनपुरी उपचुनाव लड़ाया जाएगा। अगर अखिलेश नहीं लड़ते तो धर्मेंद्र, तेज प्रताप और डिंपल यादव, तीन ही नाम दिखाई दे रहे हैं।
तीनों पहले भी लोकसभा के सांसद रह चुके हैं। हालांकि इनमें सबसे ज्यादा चांस धर्मेंद्र यादव का है। धर्मेंद्र यादव लगातार सपा के आंदोलनों में भी बढ़चढ़कर हिस्सा लेते रहते हैं। अखिलेश के आजमगढ़ सीट खाली करने पर धर्मेंद्र ही परिवार की पहली पसंद भी बने थे। हालांकि धर्मेंद्र चुनाव नहीं जीत सके थे।
क्या अखिलेश खुद भी उतर सकते हैं?
एक चर्चा अखिलेश यादव के खुद भी मैनपुरी से उतरने की चर्चा हो रही है। दिल्ली और राष्ट्रीय राजनीति में सपा की पकड़ को मजबूत बनाए रखने के लिए अखिलेश यादव के खुद मैदान में आने की संभावना जताई जा रही है। हालांकि राजनीतिक विश्लेषक अखिलेश के फिलहाल यूपी की राजनीति छोड़कर दिल्ली जाने की संभावनाओं से इनकार कर रहे हैं।
उनका मानना है कि यूपी में योगी को अखिलेश पूरी चुनौती दे रहे हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में जिस तरह से उन्होंने भाजपा का मुकाबला किया और सपा को शानदार बढ़त दिलाई है वह अगले आम चुनाव में भी जारी रह सकती है। अखिलेश के विधानसभा छोड़कर लोकसभा में जाने से यूपी में सपा कमजोर हो सकती है।
तीन साल पहले तक मुलायम परिवार के लोकसभा में पांच सदस्य
2019 के चुनाव से पहले तक लोकसभा में मुलायम परिवार के पांच सदस्य सांसद थे। 2014 के मोदी लहर में भी मुलायम समेत परिवार के पांच लोगों को सफलता मिली थी। मुलायम ने मैनपुरी और आजमगढ़ से जीत हासिल की थी। कन्नौज से डिंपल यादव, बदायूं से धर्मेंद्र यादव व फिरोजाबाद से अक्षय चुनाव जीते। बाद में मैनपुरी की सीट से मुलायम ने इस्तीफा देकर आजमगढ़ के सांसद रहे। मैनपुरी से अपने भाई के नाती तेज प्रताप यादव को मैदान में उतारा और लोकसभा पहुंचाया था।
2019 के चुनाव में भी सभी ने चुनाव लड़ा लेकिन जीते केवल अखिलेश और मुलायम ही। मैनपुरी से मुलायम सिंह यादव और आजमगढ़ से अखिलेश यादव चुनाव जीत सके। डिंपल, धर्मेंद्र और अक्षय हार गए थे। विधानसभा चुनाव में विधायक बनने के बाद अखिलेश ने आजमगढ़ लोकसभा सीट से इस्तीफा दिया तो धर्मेंद्र को मैदान में उतारा लेकिन वह चुनाव नहीं जीत सके थे। इस तरह लोकसभा में मुलायम अकेले यादव परिवार के सदस्य बचे थे।