मृत युवती मिली जिन्दा, पति और दोस्त ने काटी डेढ़ साल की सजा

मथुरा। वाह-री मथुरा पुलिस! जिस युवती की हत्या हुई वह जिंदा मिल गई लेकिन अफसोस की बिना जांच पड़ताल के मथुरा पुलिस ने पिता की तहरीर पर पति और उसके दोस्त को जेल भेज दिया। दोनों ने इस मामले में जेल भी काटी और जमानत पर वर्तमान में बाहर है। लेकिन अब वह युवती जिंदा मिल गई जिसे वृंदावन पुलिस रविवार मथुरा ले आई है, सोमवार कोर्ट में पेश किया जाएगा।

गौरतलब हो कि 13 मार्च 2016 को पिता सूरज प्रसाद गुप्ता पुत्र धनीराम निवासी जिला जालौन जो उस समय श्रीकृष्ण धर्मशाला गौशाला नगर अटल्ला चुंगी वृंदावन में एक किराए के मकान पर रह रहा था, उसने सोनू सैनी पुत्र ईश्वर सैनी, भगवान सिंह पुत्र बाबूलाल सैनी और अरविन्द पाठक के खिलाफ वृंदावन कोतवाली में हत्या कर शव छुपाने की नीयत से फेंकने की धाराओं में एफआईआर दर्ज कराई थी।

जिसमें कहा था कि पांच सितम्बर 2016 की रात्रि उनकी 25 वर्षीय पुत्री आरती गायब हो गई है, उसके पास उसका मोबाइल था। पिता ने दर्ज कराई एफआईआर में कहा था कि आरती की पांच वर्षों से मानसिक स्थिति खराब थी, उसका इलाज ग्वालियर मध्यप्रदेश, कानपुर, झांसी उत्तर प्रदेश में हुआ है जिससे वह 50 प्रतिशत ठीक थी। इस मामले में तीनों नामजदों के खिलाफ मामला दर्ज किया था, पुलिस ने सोनू और गोपाल को जेल भी भेज दिया।

पहला पति सोनू जेल से बाहर आने के बाद अपने दोस्त गोपाल के साथ आरती को ढूंढने का प्रयास करता रहा और अचानक एक दिन उसे सफलता मिल ही गई। उसने मेंहदीपुर बालाजी क्षेत्र के विशाला गांव में उसे तलाश ही लिया। आरती यहां पिछले सात साल से अपने दूसरे पति के साथ रह रही थी। जेल से बाहर आने के बाद सोनू और गोपाल दुकान पर मजदूरी करने के साथ-साथ अपने स्तर से आरती की तलाश कर रहे थे।

उनका मानना था कि जब हमने हत्या की ही नहीं तो आरती मर कैसे सकती है वह जिंदा है। इस बीच उन्होंने जयपुर, अलवर, भरतपुर, दौसा के अलावा आसपास के शहरों में उसकी तलाश करते रहे। बालाजी में काम करते समय एक दुकान पर काम करने वाले विशाला गांव के रहने वाले एक युवक से गोपाल की मुलाकात हुई बातों बातों में युवक ने बताया कि हमारे गांव में रेबारी समाज के एक घर में यूपी के उरई की युवती कुछ साल पहले शादी करके आयी थी तब से वहीं रह रही है।

यह सब बातें गोपाल ने जब सोनू को बताई तो दोनों ने मिलकर इस महिला का पता लगाने का प्लान बनाया और दोनों विशाला गांव चल दिए। इन दोनों ने एक युवक को स्वच्छ भारत मिशन का कर्मचारी बताकर बिसाला गांव के उस घर में भेजा, जहां आरती रह रही थी। यहां सरकारी योजना के तहत शौचालय बनाने और पैसा देने की बात कही तो घर के लोग लालच में आकर बहू के कागजात उन्हें समिट करा दिए। गोपाल और सोनू कागजों को लेकर सीधे राजस्थान के बालाजी थाना इंचार्ज अजीत बड़सरा से मदद मांगी तो उन्होंने इसके लिए मथुरा पुलिस से संपर्क किया।

मृत महिला के जिंदा होने की खबर पाकर स्वाट टीम प्रभारी अजय कौशल और वृंदावन कोतवाली प्रभारी सीधे विशाला गांव पहुंच गए और पूछताछ के बाद महिला को अपनी कस्टडी में मथुरा ले आए और रविवार पूरे दिन 2015 की फाइलों को खंगाला। वृंदावन पुलिस सोमवार महिला को कोर्ट में पेश करेगी और कुछ टेस्ट भी कराएंगी।

मुझे पसंद नहीं था सोनू पति

मुझे सोनू पंसद नहीं था, इसलिए उसने दूसरी शादी कर ली और अपने पति के साथ विशाला गांव में ही रह रही थी। जब वृंदावन पुलिस ने उससे पूछा कि इस मामले में उसे पिता ने हत्या की रिपोर्ट किस आधार पर दर्ज कराई। उसने कहा कि यह पिता ही जानें, मेरा इससे क्या मतलब, वृंदावन पुलिस की टीम अब उरई रवाना हो गई है। स्वाट टीम प्रभारी ने बताया कि मामले की जांच के लिए पिता की खोज की गई लेकिन वह वृंदावन स्थित पते पर नहीं मिला है। अब पुलिस की टीम उसके उरई गृहक्षेत्र रवाना हुई है तभी इस मामले की वास्तविकता का पता चल पायेगा।

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