यंगून। म्यांमार में तख्तापलट के बाद फिर सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों के खून से राजधानी की सड़कों को लाल कर दिया है। स्थानीय मीडिया, जो देश में हुए तख्तापलट के बाद से हुई मौतों की संख्या जुटा रही है , उसने ये जानकारी दी है। इसके मुताबिक शुक्रवार को सैन्य शासन के खिलाफ बागो में हुए प्रदर्शन में मार्च 14 के बाद सबसे अधिक प्रदर्शनकारियों की मौत हुई है।
आपको बता दें कि 14 मार्च को ही यंगून में 100 प्रदर्शनकारियों की मौत सुरक्षाबलों की कार्रवाई में हुई थी। यंगून म्यांमार का सबसे बड़ा शहर है। बागो यहां से करीब 100 किमी दूरी पर स्थित है। एपी ने हालांकि इन मौतों की पुष्टि नहीं की है। स्थानीय मीडिया रिपोर्ट्स में कहा गया है कि सेना ने सभी शवों का ढेर एक मंदिर के ग्राउंड में लगाया है।
एपी की खबर के मुताबिक असिसटेंस ऐसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स ने भी 82 लोगों के मारे जाने की ही खबर दी है। ये संस्था देश में 1 फरवरी के बाद से होने वाली मौतों और घायलों की संख्या पर निगाह रख रही है और मुहैया करवा रही है। इस संस्था द्वारा शनिवार को जारी एक रिपोर्ट में कहा गया है कि बागो में मारे गए लोगों की संख्या मामले सामने और इनक आने के बाद बढ़ भी सकती है।
म्यांमार की ऑनलाइन न्यूज वेबसाइट ने भी बागो में 82 लोगों की मौत होने की जानकारी दी है। इसमें अनाम सोर्स का हवाला देते हुए कहा गया है कि शहर में राहत का काम चलाया जा रहा है। स्थानीय मीडिया में तो यहां तक कहा गया है कि मिलिट्री ने सभी मारे गए लोगों के शवों को इकट्ठा कर बौद्ध मंदिर के ग्राउंड में गेर दिया है। अससिटेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स से मिली जानकारी के मुताबिक म्यांमार में तख्तापलट के बाद से अब तक सुरक्षाबलों के हाथों 701 लोगों की मौत हो चुकी है।
बागो में जुंटा द्वारा प्रदर्शनकारियों पर की गई बीते सप्ताह से ये तीसरी कार्रवाई थी। बुधवार को देश के उत्तर में स्थित काल्ये और ताजे में भी सुरक्षाबलों ने प्रदर्शनकारियों पर गोलियां चलाई थीं जिसमें 11 लोगों की मौत हो गई थी। इसमें प्रदर्शन में हिस्सा न लेने वाले और सड़क से गुजरने वाले कुछ लोग भी मारे गए थे।
आपको बता दें तख्तापलट के बाद से ही जुंटा सुरक्षाबलों के जरिए अपने खिलाफ होने वाले हर प्रदर्शन को बड़ी बेरहमी से कुचलने की कोशिश कर रही है। सुरक्षाबल प्रदर्शनकारियों पर भारी हथियारों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इन हथियारों का इस्तेमाल सेना द्वारा जंग के मैदान में किया जाता है। इसमें सेना रॉकेट लॉचर और मोर्टार का इस्तेमाल करने से भी नहीं चूक रही है।