नई दिल्ली: मुस्लिम समुदाय के लोगों ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नौ वर्ष के कार्यकाल में समाज के आर्थिक एवं सामाजिक विकास की प्रशंसा की है। मुस्लिम धर्म गुरुओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों ने एक स्वर में कहा कि इन वर्षों में जितना बदलाव उन्होंने देखा है, इसके पहले कभी नहीं हुआ।
ईद मिलाद-उन-नबी के अवसर पर इंडियन माइनारिटी फाउंडेशन (आइएमएफ) की ओर से आयोजित समावेशी जीवन-मानवता के लिए पैगंबर मोहम्मद की एक पवित्र शिक्षा विषय पर वर्चुअल चर्चा में यह बातें कही गईं।
परिचर्चा में लेखक एवं सामाजिक-पसमांदा कार्यकर्ता डॉ. फैयाज अहमद फिजी, इस्लामी विद्वान डॉ. मौलाना कल्बे रुशैद रिजवी, सूफी फाउंडेशन मुरादाबाद के अध्यक्ष कशिश वारसी, सूफी इस्लामिक बोर्ड के राष्ट्रीय अध्यक्ष मंसूर खान और पसमांदा कार्यकर्ता मोहम्मद मेराज रईह समेत कई आध्यात्मिक गुरु, विद्वान, कवि एवं शिक्षाविद शामिल हुए।
मेराज रईह ने कहा कि प्रधानमंत्री ने पसमांदा समुदाय को आगे लाकर समान अवसर देने पर जोर दिया है। डॉ. फैयाज अहमद फिजी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास, सबका प्रयास दृष्टिकोण से यह सुनिश्चित किया है कि सरकारी नीतियों और विकास का लाभ समाज के हर वर्ग, विशेषकर हाशिए पर और सामाजिक रूप से वंचित लोगों तक पहुंचे। जो पैगंबर मोहम्मद की शिक्षाओं का आधार भी है।
देश की प्रगति के लिए मांगी दुआ
कशिश वारसी ने कहा कि भारत में रहने वाले मुसलमान प्रगति के मामले में अन्य देशों के मुसलमानों की तुलना में बहुत आगे हैं। वे भारत में स्वतंत्रता, समान अधिकार और सुरक्षा की भावना का आनंद ले रहे हैं।आइएमएफ के संयोजक सतनाम ¨सह संधू साबरी मस्जिद में मुस्लिम समुदाय के साथ सामूहिक प्रार्थना में भी शामिल हुए। जहां बड़ी संख्या में मुस्लिम समाज के लोगों ने नमाज के बाद देश की प्रगति और समृद्धि के लिए दुआ मांगी।