भारत सरकार ने सभी एप्पल आईफोन, एंड्रॉइड मोबाइल फोन और विंडोज डिवाइस यूजर्स के लिए अलर्ट जारी किया है। नोडल साइबर सुरक्षा एजेंसी, CERT-In ने एप्पल के सॉफ्टवेयर ईकोसिस्टम, विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम और गूगल एंड्रॉइड मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में खामियों को लेकर चेतावनी दी है। यूजर्स को सलाह दी जाती है कि वे इसे किसी भी कीमत पर इग्नोर न करें।
दरअसल, इन कंपनियों के ऑपरेटिंग सिस्टम में मौजूद खामियों का फायदा उठाकर साइबर क्रिमिनल्स इन डिवाइसेस को हैक कर सकते हैं। इसलिए एप्पल, एंड्रॉइड और विंडोज यूजर्स को इससे बचने के लिए अपने ऑपरेटिंग सिस्टम का लेटेस्ट वर्जन डाउनलोड करने की सलाह दी जाती है।
Android यूजर्स क्या करें?
CERT-In की मानें तो एंड्रॉइड डिवाइसेस के Signal एप्लिकेशन में एक खामी पाई गई है, जिसके चलते कुछ तस्वीरें अपने आप सेंड हो जाती हैं। इस तरह यूजर्स को प्राइवेसी भी लीक हो सकती है। एजेंसी सलाह देती है कि यूजर्स जल्द से जल्द गूगल प्ले स्टोर से Signal ऐप का वर्जन 5.17.3 डाउनलोड कर लें।
Apple यूजर्स क्या करें?
साइबर सिक्यॉरिटी एजेंसी ने iOS और iPadOS में खामी पाई है, जिसके चलते हैकर्स आपके डिवाइस को कंट्रोल कर सकते हैं। इस बग ने 11.5.1 से पहले के वर्जन पर चलने वाले Apple macOS Big Sur डिवाइसेस, 14.7.1 से पहले वर्जन पर चलने वाले Apple iOS और iPadOS डिवाइसेस, iPhone 6s और बाद के डिवाइस, iPad Pro (सभी मॉडल), iPad Air 2 और बाद के डिवाइस, 5वीं और उससे बाद की जेनरेशन के iPad, iPad mini 4 और बाद के डिवाइस, और iPod touch (7वीं जेनरेशन) को प्रभावित किया है। एप्पल ने हाल ही में इससे जुड़ा सिक्यॉरिटी अपडेट जारी किया है।
Windows यूजर्स क्या करें?
विंडोज डिवाइसेस की बात करें तो CERT-In ने विंडोज ओएस में खामी पाई है, जो एक जालसाज को सिस्टम से अकाउंट पासवर्ड निकालकर इस्तेमाल करने और ओरिजनल इंस्टॉलेशन पासवर्ड खोजने की छूट दे देता है। बड़ी संख्या में विंडोज 10 ऑपरेटिंग सिस्टम पर काम करने वाले डिवाइस इससे प्रभावित हैं। हालांकि माइक्रोसॉफ्ट ने बताया कि फिलहाल इसका दुरुपयोग नहीं हुआ है।