मलयालम फिल्मों की अभिनेत्री ऐश्वर्या लेक्ष्मी का मानना है कि आजकल के मलयाली फिल्मों में यर्थाथवादी किस्सों का चित्रण ज्यादा होने लगा है। साथ में उन्होंने यह भी कहा कि वह अभी के एक्टर्स को ठीक उसी तरह से डांस करते हुए देखना पसंद करेंगी, जिस तरह से नब्बे के दशक में मोहनलाल और मोमूट्टी जैसे कलाकार करते थे। ऐश्वर्या आगामी तमिल गैंगस्टर थ्रिलर ‘जगमे थंदीराम’ में धनुष के साथ नजर आने वाली हैं। उनका मानना है कि दक्षिण भारत की हर एक फिल्म इंडस्ट्री अलग-अलग दिशाओं में आगे बढ़ गई हैं।
साल 2017 में आई मलयाली फिल्म ‘ज्ञानडुकलुडे नाट्टिल ओरिडवेला’ से अपने फिल्मी करियर की शुरूआत करने वाली अभिनेत्री ऐश्वर्या कहती हैं, “तमिल में व्यावसायिक मनोरंजक और यथार्थवादी फिल्मों का एक अच्छा मेल देखने को मिलता है। हमारी कुछ फिल्में ऐसी हैं, जिनका मकसद सिर्फ मनोरंजन करना है, चाहे चीजें समझ में आए या न आए।
तेलुगू में कहानी काफी मायने रखती हैं। इनमें कहानी को बताने का विजुअल तरीका काफी अहम है। यहां तक कि तमिल में भी कहानी का जिक्र करने के लिए विजुअल तरीके की काफी महत्ता है।”
समकालीन मलयालम सिनेमा के बारे में बात करते हुए वह कहती हैं, “मुझे लगता है कि आजकल की मलयाली फिल्में यर्थाथवाद पर अधिक आधारित है। एक दर्शक के तौर पर अब मैं इन चीजों से थक गई हूं और अब मैं मलयाली फिल्मों में डांस और गाने देखना चाहती हूं। मैं एक मलयाली अभिनेता को ठीक उसी तरह से डांस करते हुए देखना चाहती हैं, जिस तरह से नब्बे के दशक में मोहनलाल और ममूट्टी किया करते थे।”
बता दें कि ‘जगमे थंदीराम’ को 18 जून को नेटफ्लिक्स पर प्रसारित किया जाएगा।