रामपुर। उत्तर प्रदेश सरकार के अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी के रामपुर दौरे पर निशाना साधा है। मोहसिन रजा ने कहा कि 60 सालों तक कांग्रेस ने किसानों को कर्जदार बनाया। उनका शोषण किया। किसी ने आवाज उठाई तो उसे जेल भेजा गया। किसान आत्महत्या करने को मजबूर हुए। कांग्रेस किस मुंह से बात कर रही और क्यों घड़ियाली आंसू बहाने के लिए जा रही है? हमारी सारी संवेदना किसान भाइयों के साथ है।
शीशा साफ करने पर मोहसिन रजा ने कसा तंज
दरअसल, गुरुवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने रामपुर में किसान नवरीत सिंह के परिवार से मुलाकात की। नवरीत की मौत 26 जनवरी को दिल्ली में आंदोलन के दौरान ट्रैक्टर पलटने से मौत हो गई थी।सुबह जब प्रियंका काफिले के साथ रामपुर के लिए निकलीं तो कई गाड़ियां हापुड़ और अमरोहा गजरौला में आपस में टकरा गईं।
इस दौरान प्रियंका गांधी खुद अपनी कार का शीशा साफ करती दिखीं। इस दौरान की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद योगी सरकार के मंत्री ने प्रियंका गांधी पर तंज कसा। प्रदेश सरकार में अल्पसंख्यक कल्याण मंत्री मोहसिन रजा ने कहा कि कांग्रेस के नेताओं को बजाए शीशे के अपना मुंह साफ कर लेना चाहिए।
प्रियंका ने कहा- अपने प्यारे की शहादत व्यर्थ न जाने दें
वहीं, रामपुर में किसान नवरीत के घर आयोजित अरदास में प्रियंका गांधी ने कहा कि मुझे अपने अनुभव से मालूम है कि एक शहीद का परिवार उसकी शहादत को भूल नही सकता है। वह हमेशा उसे दिल में रखता है। परिवार के दिल में हमेशा एक तमन्ना रहती है कि उसके प्यारे की शहादत व्यर्थ न जाए।
मैं जानती हूं कि आप सब के दिल में यही तमन्ना है। नवनीत 25 साल के थे, मेरा बेटा 20 साल का है। आपके भी बेटे हैं, जो किसानों के साथ खड़े होने के लिए वहां चले गए। क्यो गए थे? वहां कोई राजनैतिक साजिश नहीं थी जो गए थे वहां। वह इसलिए गए क्योंकि उनके दिल में दुख था। किसानों के लिए पीड़ा थी। उनको मालूम था कि जुल्म हो रहा है।
आंदोलन वापस नहीं होगा, जब तक कानून वापस नहीं होते
प्रियंका गांधी ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने कहा कि जुल्म करना पाप है और जुल्म सहना भी पाप है। आज सबसे बड़ा जुल्म हो रहा है कि ये तीन कानून जिन्हें सरकार वापस नहीं लेना चाहती है। लेकिन उसको वापस लेना चाहिए। लेकिन सबसे बड़ा जुल्म ये करते है जब ये एक शहीद को आतंकवादी कहते हैं और किसान आंदोलन को राजनैतिक साजिश कहते हैं।
एक नेता जब किसान और गरीबो का दर्द नहीं समझ सकता तो फिर वह नेता नहीं है। यह ऐसा मौका नहीं है जहां ऐसी राजनैतिक बातें हो लेकिन जो सचाई है वह सच्चाई है। किसान आंदोलन कोई राजनैतिक आंदोलन नहीं है। मैं यहां इसलिए आयी हूं कि मैं परिवार को बता सकूं की आप अकेले नहीं हो।
आपके साथ हर देशवासी खड़ा है। मैं सरदार हरदीप सिंह जी से कहना चाहती कि हम आपके पोते की शहादत को व्यर्थ नही होने देंगे। आशा है कि आप सब के मन में भी यही होगा। यह आंदोलन तब तक वापस नहीं होगा जब तक सरकार काले कानून को वापस नहीं लेती है।