यंगून। म्यांमार में सेना के विरोध में प्रदर्शन तेज होने के बाद बीबीसी के पत्रकार आंग थूरा को रिहा कर दिया गया है। म्यांमार में सैन्य तख्तापलट के बाद से सेना के विरोध में जारी प्रदर्शन तेज हो गए हैं। लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं और आंग सान सू की सहित अन्य नेताओं की रिहाई की मांग कर रहे हैं।
असिस्टेंस एसोसिएशन फॉर पॉलिटिकल प्रिजनर्स की ओर से बताया गया है कि अब तक प्रदर्शनों में 2,600 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है और 250 लोग मारे गए हैं। दरअसल नैपीटॉ में शुक्रवार को बीबीसी के पत्रकार आंग थूरा को गिरफ्तार कर लिया गया था। वह बीबीसी की बर्मीज भाषा के पत्रकार हैं। वह कोर्ट के बाहर रिपोर्टिंग करने गए थे और उन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।
सोमवार को मंडाले की सड़कों पर शिक्षकों और लोगों ने प्रदर्शन किया। कुछ प्रदर्शनकारियों ने हाथ में तख्तियां ली हुई थीं, जिस पर इस संकट के समय में यूएन से हस्तक्षेप की मांग की गई थी।
वॉयस ऑफ म्यांमार की रिपोर्ट के अनुसार सेना की बर्बरता के खिलाफ कुछ डॉक्टरों के समूहों ने भी प्रदर्शन किया। इसके साथ-साथ भिक्षुओं के समूहों ने भी प्रदर्शन किया।
म्यांमार में सेना के अत्याचार के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी निंदा की जा रही है। यूएन के विशेषज्ञों ने इसे क्रूरता और मानवता के खिलाफ अत्याचार बताया है।