मेरठ। पांच दिन बाद पश्चिमी उत्तर प्रदेश में वोटिंग होनी है। इस बीच पिछले 3 साल से बंद पड़ी भारतीय सेना की भर्ती का मुद्दा गरमा गया है। कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने जहां इस मामले को उठाया है, वहीं केंद्रीय मंत्री एवं मुजफ्फरनगर से सांसद डॉक्टर संजीव बालियान ने रक्षा मंत्री को पत्र भेजकर चयन की अधिकतम उम्र 21 से 23 साल करने की मांग की है।
कोरोना के चलते भर्ती बंद होने से वेस्ट यूपी के लाखों नौजवान प्रभावित हैं। इसमें करीब 50 हजार तो ऐसे हैं, जिनकी उम्र भर्ती के इंतजार में निकल गई और अब ज्यादा उम्र होने से वे इस भर्ती प्रक्रिया में हिस्सा नहीं ले सकते।
इंटरमीडिएट से शुरू कर देते हैं सेना की तैयारी
भारतीय सेना की जब बात आती है तो पश्चिमी उत्तर प्रदेश सबसे आगे खड़ा मिलता है। यहां के नौजवानों में सेना को लेकर जोश हाई रहता है। गांव के लड़कों की पहली पसंद सेना होती है। इसमें असफल होने पर ही वे दूसरी नौकरियों के लिए कोशिश करते हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि सेना कम से कम साढ़े 17 साल के युवा को भर्ती करती है। इसलिए वे इंटरमीडिएट पढ़ाई के दौरान ही सेना भर्ती की तैयारी शुरू कर देते हैं।
मेरठ में एक लाख आवेदन आए
मेरठ में सेना भर्ती रैली कार्यालय है। साल-2021 में इस कार्यालय ने पश्चिमी यूपी के 13 जिलों बागपत, बिजनौर, बुलंदशहर, गौतमबुद्धनगर, गाजियाबाद, अमरोहा, मेरठ, मुरादाबाद, मुजफ्फरनगर, रामपुर, सहारनपुर, शामली और हापुड़ जिले की भर्ती निकाली थी। 26 अप्रैल 2021 तक पंजीकरण हुए। इसमें करीब एक लाख नौजवानों ने रजिस्ट्रेशन कराया। अचानक कोरोना की वजह से भर्ती प्रक्रिया स्थगित करनी पड़ी।
बरेली, आगरा, गोरखपुर रेंज में भी युवा परेशान
सेना के बरेली स्थित भर्ती कार्यालय ने भी मई-2021 में 12 जिलों के युवाओं के रजिस्ट्रेशन कराए थे। 7 से 30 जून 2021 के बीच यह भर्ती प्रक्रिया फतेहगढ़ जिले के राजपूत रेजिमेंट सेंटर में होनी थी, लेकिन कोरोना के चलते यह भी टालनी पड़ी। आगरा में छह जिलों की सेना भर्ती 15 फरवरी 2021 से 8 मार्च 2021 तक होनी थी।
बाद में यह भी स्थगित कर दी गई। गोरखपुर, आजमगढ़, मऊ, बलिया, देवरिया, गाजीपुर, संत रविदास नगर, सोनभद्र, मिर्जापुर, चंदौली, जौनपुर और वाराणसी में 6 सितंबर 2021 से 30 सितंबर 2021 के बीच चलने वाली सेना भर्ती प्रक्रिया कोरोना के चलते अब तक नहीं हो सकी है।
योगी ने कहा था– यहीं की तोप से बुलंदशहर के युवा सीमा पर गोले दागेंगे
साल-2021 के आखिरी दौर में यूपी में कई जगह युवाओं ने हंगामा-प्रदर्शन किया। कोरोना के चलते बंद पड़ी भर्ती प्रक्रिया को बहाल करने की मांग उठाई, लेकिन कोई नतीजा नहीं निकला। अब जब विधानसभा चुनाव एकदम नजदीक आ गए हैं, यह मामला फिर से उछल गया है। 3 फरवरी को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी बुलंदशहर जिले में थीं। इस दौरान योगेश चौधरी नामक नौजवान ने उनके सामने इस मुद्दे को उठाया।
योगेश ने कहा कि सेना की भर्ती 3 साल से बंद पड़ी है। तोप के गोले बेकार हो गए हैं। योगेश ने यह बयान इसलिए दिया कि बुलंदशहर जिले में ही चुनावी प्रचार में आए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यह कहा था, ‘अलीगढ़ में डिफेंस कॉरिडोर बन रहा है। यहीं की तोप से बुलंदशहर के युवा सीमा पर गोले दागेंगे तो पाकिस्तानी सैनिक भाग खड़े होंगे।’ प्रियंका गांधी ने इस नौजवान के दर्द को अपने ट्विटर पर शेयर भी किया था।
मंत्री बोले- अधिकतम आयु 21 से बढ़ाकर 23 साल हो
केंद्रीय मंत्री एवं मुजफ्फरनगर से सांसद डॉ. संजीव बालियान ने 4 फरवरी को इस संबंध में एक पत्र रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को लिखा है। पत्र में सांसद ने बताया है कि पिछले दो साल से कोविड महामारी के कारण देश के प्रत्येक क्षेत्र में भर्ती प्रक्रिया में देरी हुई है। लिखित परीक्षा और अन्य औपचारिकताओं में भी देरी हुई है। इस देरी से 18 से 21 वर्ष के युवाओं को सेना भर्ती का अवसर नहीं मिल सका। सांसद ने रक्षामंत्री से मांग की है कि भर्ती प्रक्रिया में आयु सीमा में छूट 21 से बढ़ाकर 23 साल की जाए।
वेस्ट यूपी में 6 लाख नए वोटर
उत्तर प्रदेश में 18 साल उम्र के 14 लाख 66 हजार 470 युवा पहली बार वोट डालेंगे। अकेले मेरठ-सहारनपुर मंडल में ही करीब ढाई लाख नए वोटर बने हैं, जबकि वेस्ट यूपी में यह संख्या करीब 6 लाख है। इसमें एक बड़ी संख्या उन नौजवानों की है जो सेना भर्ती की तैयारी कर रहे हैं। एक लड़के को सेना में भर्ती के लिए औसतन करीब तीन बार अटेंप्ट करने का मौका मिलता है। इसके बाद वह ओवर एज हो जाता है।