तेहरान। अमेरिका से चल रही तनातनी के बीच ईरान ने संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) स्थित फ्रांस के अल-धाफ्रा एयरबेस के पास समुद्र में कई मिसाइलें दागीं। उस समय, भारत आ रहे पांच राफेल विमान भी वहीं थे और इनके साथ भारतीय पायलट भी मौजूद थे। ईरानी मिसाइलों के खतरे को देखते हुए भारतीय पायलटों को भी सुरक्षित स्थानों पर छिपना पड़ा। ईरानी मिसाइल परीक्षण के बाद फ्रांसीसी एयरबेस के साथ ही खाड़ी स्थित अमेरिकी सैन्य अड्डों को भी थोड़ी देर के लिए अलर्ट कर दिया गया था।
अमेरिकी मिलिट्री सेंट्रल कमांड ने इसकी पुष्टि करते हुए कहा कि मंगलवार तड़के ईरान ने हरमुज जलसंधि के नजदीक कई बैलिस्टिक मिसाइलें दागीं। ईरान के सरकारी टेलीविजन के मुताबिक, सैन्य अभ्यास के दौरान रिवोल्यूशनरी गार्ड ने मिसाइलों का परीक्षण किया था। ये परीक्षण खाड़ी में फ्रांसीसी और अमेरिकी सैन्य ठिकानों के नजदीक किए गए। कई मिसाइलें समुद्र में गिरती देखी गई।
ईरान ने दो दिन पहले ही समुद्र में एक विमानवाहक पोत की प्रतिकृति उतारी थी। सैन्य अभ्यास के दौरान इसे भी नष्ट किया गया। ईरानी टीवी ने यह नहीं बताया कि किन मिसाइलों का परीक्षण किया गया। हालांकि, ईरानी सैन्य अभ्यास का संदेश बिल्कुल स्पष्ट था कि अमेरिका उसके निशाने पर है। ईरानी सैन्य अभ्यास और अमेरिकी प्रतिक्रिया से दोनों देशों के बीच युद्ध भड़कने की आशंका बढ़ती जा रही है। पिछले छह महीने के अंदर तनाव बढ़ाने वाली ऐसी दर्जनभर घटनाएं हो चुकी हैं।
उल्लेखनीय है कि भारतीय वायुसेना के बेड़े में पांच सुपरसोनिक राफेल शामिल हो गए हैं। इन फाइटर विमानों की अंबाला एयरबेस पर दोपहर बाद 3.10 बजे हैप्पी लैंडिंग हो गई। फ्रांस से करीब सात हजार किलोमीटर की दूरी तय कर पांच राफेल आज भारतीय वायुसेना का हिस्सा बन गए। अंबाला एयरबेस पर लैंड होने के बाद अगला चरण इनमें मिसाइल व अन्य उपकरणों को फिट करना है।