यूक्रेन का दावा- रूस ने ब्लड बैंक पर हमला किया, रूस बोला- उन्होंने क्लस्टर बम गिराया

खार्कीव। रूस ने शनिवार को यूक्रेन के खार्कीव शहर में एक ब्लड ट्रांसफ्यूजन सेंटर को निशाना बनाया है। साथ ही रूस ने यूक्रेन के एक एरोनॉटिक्स ग्रुप मोटर सिच पर भी हमला किया। यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने इसकी जानकारी दी। उन्होंने कहा कि इन हमलों में महिलाओं सहित कई लोगों की मौत हुई हैं और कुछ लोग घायल भी हुए हैं। बचावकर्मी ब्लड सेंटर में आग बुझाने की कोशिश कर रहे हैं।

जेलेंस्की ने कहा- रूस ने गाइडेड एयर बमों से हमला किया। ये वॉर क्राइम ही रूस के बारे में सबकुछ बताता है। उन्होंने कहा कि जो भी व्यक्ति जिंदगी की कीमत जानते हैं उनके लिए आतंकवादियों को हराना सम्मान की बात है। हालांकि रूस की तरफ से इस हमले को लेकर अभी कोई बयान सामने नहीं आया है।

तस्वीर डोनेट्स्क की यूनिवर्सिटी की है, जहां फायर फाइटर्स आग बुझाते नजर आए।
तस्वीर डोनेट्स्क की यूनिवर्सिटी की है, जहां फायर फाइटर्स आग बुझाते नजर आए।

डोनेट्स्क की यूनिवर्सिटी में आग बुझा रहे फायर फाइटर्स
दूसरी तरफ, शनिवार को ही रूस कब्जे वाले डोनेट्स्क शहर में एक यूनिवर्सिटी पर हमला हुआ। रूस ने यूक्रेन पर इसका आरोप लगाया। डोनेट्स्क में मॉस्को की तरफ से अपॉइंट किए गए मेयर अलेक्सी कुलेमजिन ने कहा- यूक्रेनी हमलों की वजह से यूनिवर्सिटी में आग लग गई है। फायर ब्रिगेड की टीम इस पर काबू पाने की कोशिश कर रही है। यूक्रेन ने इस हमले के लिए क्लस्टर बमों का इस्तेमाल किया।

यूक्रेन ने समुद्री ड्रोन से फ्यूल टैंकर को बनाया निशाना
न्यूज एसेंसी AFP के मुताबिक, शनिवार की सुबह यूक्रेन ने दावा किया था कि उसने रूस के सैनिकों के लिए फ्यूल की सप्लाई करने वाले टैंकर को बम से उड़ा दिया है। यूक्रेन ने इस हमले के लिए नेवल ड्रोन्स का इस्तेमाल किया। हमले से टैंकर के इंजन रूम में छेद हो गया था। हालांकि, रूसी मीडिया TASS के मुताबिक, किसी भी क्रू मेंबर को नुकसान नहीं पहुंचा।

रूस ने आरोप लगाया है कि यूक्रेन नागरिकों से जुड़ी फैसिलिटी को निशाना बना रहा है। हमले के बाद ब्लैक सी में कई घंटों कर जहाजों की आवाजाही बंद कर दी गई। क्रीमिया पुल के इस्तेमाल पर भी कुछ देर के लिए रोक लगा दी गई थी। इससे पहले शुक्रवार को भी यूक्रेन ने रूस के नोवोरोससिक पोर्ट के पास एक जहाज पर हमला किया था।

फुटेज में यूक्रेन के समुद्री ड्रोन को रूसी जहाज पर हमला करते देखा जा सकता है
फुटेज में यूक्रेन के समुद्री ड्रोन को रूसी जहाज पर हमला करते देखा जा सकता है

जहाज पर हमले के बाद रूस ने कहा था- बदला लेंगे
यूक्रेन ने अटैक का एक वीडियो भी जारी किया था। इसमें एक समुद्री ड्रोन एक जहाज से टकराते हुए दिख रहा था। यूक्रेन ने बताया है कि जब ड्रोन रूसी जहाज से टकराया तो उसमें 450 किलो डाइनामाइट था। हालांकि, रूस ने ड्रोन से हुए किसी भी नुकसान से इनकार किया था।

इन हमलों से माना जा रहा है कि ग्रेन डील खत्म होने के बाद एक बार फिर रूस-यूक्रेन जंग ब्लैक सी तक पहुंच गई है। जिस पोर्ट पर हमला हुआ था वो रूस के निर्यात का बड़ा हब है।

रूस ने इन हमलों के बाद यूक्रेन से बदला लेने की भी बात कही थी। विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता ने कहा था कि यूक्रेन लगातार उन पर आतंकी हमले कर रहा है। यूक्रेन आम नागरिकों से जुड़ी चीजों को निशाना बना रहा है और हम इस पर चुप नहीं बैठेंगे। यूक्रेन और इस तरह के हमले प्लान करने वाले उसके नेताओं को इसकी सजा मिलेगी।

क्या थी ब्लैक सी ग्रेन डील
यूक्रेन फूड सप्लाई के मामले में दुनिया के अव्वल देशों में से एक है। ब्लैक सी से गुजरने वाले उसके ग्रेन शिप्स पर रूस के हमलों का खतरा था। लिहाजा, उसने सप्लाई रोक दी और इससे चेन एंड सप्लाई कमजोर पड़ गई। कई यूरोपीय और अफ्रीकी देशों में लोगों के भूख से मरने का खतरा पैदा हो गया।

तुर्किये और UN की कोशिशों से पिछले साल जुलाई में एक डील हुई। इसमें यह था कि रूस और यूक्रेन दोनों ही एक-दूसरे के कार्गो शिप्स पर हमले नहीं करेंगे।

इसके अलावा UN के अफसर हर शिप की जांच करेंगे, ताकि इनका इस्तेमाल हथियार ले जाने में न हो। ये डील 17 जुलाई को एक्सपायर हो गई और रूस ने इसे रिन्यू करने से इनकार कर दिया। इसका मतलब अब वो अनाज ले जा रहे जहाजों को भी निशाना बना सकता है।

क्लस्टर बम को रिलीज करने पर उसमें से बहुत सारे छोटे-छोटे विस्फोटक निकलते हैं, जो बड़े इलाके में तबाही मचाते हैं। (फाइल फुटेज)
क्लस्टर बम को रिलीज करने पर उसमें से बहुत सारे छोटे-छोटे विस्फोटक निकलते हैं, जो बड़े इलाके में तबाही मचाते हैं। (फाइल फुटेज)

क्लस्टर बम क्या होते हैं
क्लस्टर बम एक ऐसा हथियार है, जिसे हवा में रिलीज करने पर कई छोटे-छोटे बम निकलते होते हैं। ये छोटे बम साधारण बमों की तुलना में ज्यादा इलाके को प्रभावित करते हैं। ये खतरनाक इसलिए माने जाते हैं क्योंकि मुख्य बम से निकलने वाले कई सारे छोटे विस्फोटक निर्धारित लक्ष्य के आसपास भी नुकसान पहुंचाते हैं।

ज्यादातर मामलों में इनकी चपेट में आम नागरिक भी आते हैं। इन्हें लड़ाकू विमानों के जरिए आसमान और तोपों के जरिए जमीन से भी दागा जा सकता है। बम के फटने के बाद आसपास गिरने वाले छोटे विस्फोटक लंबे समय तक पड़े रह सकते हैं। ऐसे में जंग खत्म हो के बाद भी इनकी चपेट में आने से जान जा सकती है। यह विरोधी सैनिकों को मारने या उनके वाहनों को नुकसान पहुंचाने के लिए इस्तेमाल किए जाते हैं।

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