शिमला। उत्तर प्रदेश के पीलीभीत जिले के 24 मजदूरों को शिमला जिले के चौपाल के सेब बहुल क्षेत्र मड़ावग में बंधक बनाने की शिकायत की गई है। आरोप है कि सेब बगीचों में रखकर उनका उत्पीड़न किया जा रहा है। मजदूरों ने उत्तर प्रदेश के पीलीभीत की सीक्रेट क्राइम इन्फॉर्मेशन सर्विस फाउंडेशन को इसकी जानकारी दी।
फाउंडेशन ने उत्तर प्रदेश और हिमाचल के मुख्यमंत्रियों को शिकायत भेजी है। शिकायत में आरोप लगाया है कि पीलीभीत के ढाबा मालिक ने मानव तस्करी की है। इसमें शिमला के शोघी में रहने वाले नेपाली मूल के व्यक्ति का भी हाथ बताया है। दोनों मुख्यमंत्रियों से मजदूरों को मुक्त करवाकर आरोपितों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है।
फाउंडेशन ने आरोप लगाया कि मजदूरों को मुक्त करने की एवज में नौ-नौ हजार रुपये मांगे जा रहे हैैं। मड़ावग क्षेत्र के दशौली गांव के बागवानों का कहना है कि मजदूरों को बंधक नहीं बनाया गया हैा और न ही उनका उत्पीड़न हुआ है। उन्हें सेब बगीचों में घास काटने के लिए लाया गया है।
बागवान ने काह, मजदूरों ने नहीं की मारपीट
मैैं, एचएस डोगरा व प्रताप नेक्टा नेपाली वीरू के माध्यम से बगीचों में काम करने के लिए 31 जुलाई को उप्र से 24 मजदूर लाए। उन्हें तीन गाड़ियों में लाया गया, जिसका एक लाख 38 हजार रुपये भाड़ा दिया। उन्हें कुछ पैसा एडवांस भी दिया था। उनके आने पर पुलिस चौकी को सूचित किया गया व स्कूल में क्वारंटाइन में भी रखा। उनमें से पांच मजदूर वापस चले गए हैं। इनके साथ कोई मारपीट नहीं की है। सारे आरोप झूठे हैं।
मजदूर ने लगाया बंधक बनाने का आरोप
हमें बंधक बनाया है। हमें कहा था कि मैदानी इलाकों की तरह आम व अमरूद के बागों में काम करना है। लेकिन यहां तो बड़े-बड़े पहाड़ हैं। हमने कभी ऐसी जगह काम नहीं किया है। वापस जाने पर नौ-नौ हजार रुपये की मांग कर रहे हैं। शक है कि पीलीभीत के ढाबा मालिक ने हमें बेच रखा है।