लखनऊ। मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ की सोशल मीडिया सेल के कर्मचारी पार्थ श्रीवास्तव के सुसाइड के 4 दिन बाद पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर लिया है। पिता रविंद्र नाथ श्रीवास्तव की तहरीर पर लखनऊ के इंदिरा नगर कोतवाली में आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया गया। इसमें पुष्पेंद्र सिंह व शैलजा श्रीवास्तव पर उकसाने का आरोप है। वहीं पार्थ की मां ने कहा कि जहां तक जाना पड़ेगा न्याय के लिए हम जाएंगे। बुधवार को पार्थ ने अपने घर पर फांसी का फंदा लगाकर सुसाइड कर लिया था।
पूर्व आईपीएस ने पार्थ सुसाइड व ट्वीट डिलीट मामले में FIR की मांग
इस मामले में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर और डॉ. नूतन ठाकुर ने सुसाइड नोट के ट्वीट डिलीट किए जाने के मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने की मांग की थी। लखनऊ पुलिस कमिश्नर को भेजी अपनी शिकायत में उन्होंने कहा कि पार्थ द्वारा एक सुसाइड नोट भी लिखा गया था जिसमे उन्होंने अपने दो सहयोगियों शैलजा तथा पुष्पेन्द्र को अपने सुसाइड के लिए पूरी तरह जिम्मेदार बताया है।
साथ ही पार्थ द्वारा अपना सुसाइड नोट अपने ट्विटर हैंडल @ParthSrivastav6 से सूचना निदेशक शिशिर को टैग करते हुए पोस्ट किया गया था किन्तु यह ट्वीट उनकी आत्महत्या के बाद उनके परिवार से बाहर के किसी अन्य व्यक्तियों द्वारा डिलीट किया गया है और अब यह ट्वीट उनके ट्वीटर अकाउंट पर उपलब्ध नहीं है, जो एक गंभीर आपराधिक कृत्य है तथा एक बड़े षडयंत्र की ओर इंगित करता है। अतः अमिताभ तथा नूतन ने मामले में तत्काल एफआईआर दर्ज कर कार्यवाही की मांग की है।
सुसाइड नोट में सीनियर पर आरोप
पार्थ श्रीवास्तव के 2 पेज के सुसाइड नोट में कई नाम दर्ज हैं। इनमें पार्थ ने पुष्पेंद्र सिंह और अन्य सहकर्मियों पर आरोप लगाए हैं। पार्थ ने सुसाइड नोट में अभय भैया, महेंद्र और शैलजा नाम की महिला कर्मी के नाम का भी जिक्र किया है।
खुदकुशी से पहले किया था ट्वीट
पार्थ श्रीवास्तव ने आत्महत्या से पहले ट्वीट किया था जिसमें उसने अपनी मौत के लिए कुछ लोगों को जिम्मेदार ठहराया था। लेकिन पार्थ के खुदकुशी करने के बाद उसके ट्वीट को डिलीट कर दिया गया। पार्थ के दोस्त ने सोशल मीडिया पर पार्थ के ट्विटर और फेसबुक पोस्ट का स्क्रीनशॉट शेयर करते हुए जस्टिसफॉरपार्थ कैंपेन चलाया जा रहा है।