योगी के इकलौते मुस्लिम मंत्री दानिश आजाद, बिना चुनाव लड़े 32 साल में राज्य मंत्री

 लखनऊ। उत्तर प्रदेश में योगी आदित्यनाथ ने शुक्रवार को लगातार दूसरी बार मुख्यमंत्री पद की शपथ ली। इसके बाद केशव प्रसाद मौर्य और ब्रजेश पाठक ने उप मुख्यमंत्री की शपथ ली। योगी 2.0 सरकार के कुल 52 सदस्यीय मंत्रिमंडल में 18 कैबिनेट, 12 स्वतंत्र प्रभार और 20 राज्य मंत्री हैं।

योगी के पहले कार्यकाल के 20 मंत्रियों को पत्ता कटा है। इनमें शिया समुदाय से तालुक रखने वाले मोहसिन रजा भी शामिल हैं। मोहसिन रजा की जगह 32 साल के दानिश आजाद अंसारी को राज्य मंत्री बनाया गया है। दानिश ने न तो कोई चुनाव लड़ा है न ही वे किसी सदन के सदस्य हैं।

अंसारी बिरादरी के लोग मूलत: बुनकर, पूर्वांचल गढ़
यूपी में मुस्लिमों में सबसे बड़ी आबादी अंसारियों की है। दानिश भी अंसारी हैं। अंसारी बिरादरी के लोग मूलत: बुनकर हैं। पूर्वांचल इनका गढ़ है। पीएम मोदी भी पूर्वांचल का प्रतिनिधित्व करते हैं। भाजपा को 2022 के चुनाव में मुस्लिमों के 8 फीसदी वोट मिले हैं, जो कांग्रेस और बसपा को मिले मतों से भी ज्यादा है। भाजपा की रणनीति इस वोट शेयर को 2024 के चुनाव में बढ़ाने की है। इसलिए दानिश को मंत्री बनाकर भाजपा ने मुस्लिमों के इस ओबीसी वर्ग को साधा है।

मंत्री पद की शपथ लेते दानिश आजाद। (दाएं से पहले)
मंत्री पद की शपथ लेते दानिश आजाद। (दाएं से पहले)

दानिश को मोहसिन के जगह लाने की वजह
दानिश अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से भी जुड़े हैं। वे मुस्लिमों के कार्यक्रमों में हिस्सा लेते रहते हैं और खुद को भाजपा वाला मुसलमान बताते हैं। भाजपा उनके चेहरे का इस्तेमाल कर सबका साथ-सबका विकास और सबका विश्वास को अमल में लाए जाने का उदाहरण देना चाहती है। साल 2019 में दानिश आजाद ने पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान को एक लेटर भी लिखा था। उन्होंने पाकिस्तान में हिंदुओं पर हो रहे उत्पीड़न का मुद्दा उठाया था।

मोहसिन रजा को योगी के पहले कार्यकाल में मंत्री बनाया गया था। मोहसिन रजा शिया समुदाय से आते हैं। हालांकि उनकी सक्रियता सिर्फ सोशल मीडिया पर रही, जमीन पर असर नहीं दिखा पाए।

2011 में एबीवीपी से जुड़े थे दानिश
दानिश ने 12वीं तक पढ़ाई बलिया में पूरी की, इसके बाद उन्होंने 2006 में लखनऊ विश्वविद्यालय से बीकॉम किया। लखनऊ विश्वविद्यालय से मास्टर ऑफ क्वालिटी मैनेजमेंट और मास्टर ऑफ पब्लिक एडमिनिस्ट्रेशन की पढ़ाई की है। दानिश 2011 में एबीवीपी छात्र संगठन से जुड़े थे।

दानिश को भाजपा ने पहला इनाम 2017 में दिया था। तब उन्हें उर्दू भाषा समिति का सदस्य बनाया गया। इसके बाद विधानसभा चुनाव से ठीक पहले उन्हें भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा का महामंत्री बनाया गया। दानिश जुलाहा वर्ग से आते हैं। बता दें कि भाजपा को 2022 के चुनाव में मुस्लिमों के 8 फीसदी वोट मिले हैं, जो कांग्रेस और बसपा को मिले मतों से भी ज्यादा है।

शिक्षक पिता के इकलौटे बेटे
दानिश बलिया में अपायल गांव के रहने वाले हैं। दानिश के दादा मोहम्मद ताहा अंसारी सुखपुरा गांव के जूनियर हाईस्कूल में शिक्षक थे। वे गांव वालों के सुख-दुख में साथ रहते थे। उनकी समस्याओं को प्रमुखता से उठाते थे। दादा का असर दानिश पर पड़ा और वे भी राजनीति में उतरे। दानिश के पिता समीउल्लाह अंसारी बलिया में रहते हैं। वे अपने पिता के इकलौते बेटे हैं। उनकी शादी हो चुकी है। उनकी एक बहन फिरदौस हैं, जिनकी शादी हो चुकी है।

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