लखनऊ। आजाद समाज पार्टी प्रमुख चंद्रशेखर आजाद ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ गोरखपुर सदर सीट से चुनाव लड़ने जा रहे हैं। आजाद की पार्टी ने गुरुवार को इसकी घोषणा कर दी। ऐसे में गोरखपुर की इस सीट पर मुकाबला कुछ दिलचस्प हो गया है। ऐसे में नजरें अब समाजवादी पार्टी पर हैं कि क्या चंद्रशेखर का समर्थन करके पार्टी योगी की राह मुश्किल करना चाहेगी? अखिलेश यादव से गुरुवार को इस पर सवाल भी किया गया। लेकिन फिलहाल उन्होंने इसका सीधा जवाब नहीं दिया है।
सपा अध्यक्ष से प्रेस कॉन्फ्रेंस में सवाल किया गया कि चंद्रशेखर ने सीएम योगी के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया है क्या सपा उन्हें समर्थन देगी? अखिलेश ने कहा, ”हमारी पार्टी में भी कई लोगों ने आवेदन किया है। आज भी एक परिवार मिलने आया था। पार्टी आगे तय करेगी हमें क्या करना है। पार्टी गोरखपुर यूनिट से पूछेगी कि हमें आगे क्या करना है।”
सपा से गठबंधन की कोशिशें नाकाम रहने के बाद आजाद की पार्टी ने अकेले ही विधानसभा चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। भीम आर्मी के संस्थापक चंद्रशेखर आजाद को सीएम योगी के खिलाफ गोरखपुर सदर सीट पर उतारने का ऐलान किया गया है। इस सीट पर पांचवें चरण में 3 मार्च को मतदान होगा। इस सीट पर अभी भाजपा के अलावा किसी अन्य प्रमुख दल ने उम्मीदवार घोषित नहीं किए हैं। भाजपा ने इस सीट से मुख्यमंत्री योगी को अपना उम्मीदवार बनाया है।
वैसे, बता दें कि चंद्रशेखर आजाद कल ही गोरखपुर गए थे। वहां उन्होंने लोगों से मिलने के बाद कहा था कि यूपी के वर्तमान मुख्यमंत्री योगी ने साढ़े चार साल में प्रदेश की जनता को तबाह कर दिया है। निर्दोष लोगों पर मुकदमे लाद दिए गए हैं। जाति देखकर बुलडोजर चलाए गए।
प्रदेश भर में कई जगहों पर बहनों के साथ हाथरस, उन्नाव, प्रयागराज जैसे मामले हुए। CAA और NRC का विरोध करने वालों पर गोलियां चलीं। योगी को रोकने के लिए मुझे लड़ना जरूर है। इसीलिए अब लड़ाई सीधे योगी से ही होगी।
2 सीटें देने के लिए तैयार थे अखिलेश
बता दें कि 15 जनवरी की सुबह ही आजाद समाज पार्टी के मुखिया चंद्रशेखर ने कहा था, ‘यूपी में बीजेपी के खिलाफ हमने लाठियां खाई हैं। भाजपा को हराना हमारा लक्ष्य है, हम भाजपा को सत्ता में नही आने देंगे। इसीलिए एक महीने से मेरी लगातार अखिलेश से बात हो रही है। अखिलेश तय कर चुके हैं वे दलितों से गठबंधन नहीं करेंगे। अखिलेश ने मुझे अपमानित किया है। मुझे लगता है कि वे दलितों की लीडरशिप खड़े नहीं होने देना चाहते’।
‘मैंने अखिलेश पर जिम्मेदारी छोड़ी थी कि वे गठबंधन में शामिल करें या नहीं, लेकिन उन्होंने आज तक जवाब नहीं दिया। अखिलेश को दलितों की जरुरत नहीं है। इसीलिए हमने तय किया है कि अभी सपा से गठबंधन नहीं करेंगे। हम अपने दम पर लड़ेंगे। हालांकि, 14 से 19 जनवरी तक की हर प्रेस कॉन्फ्रेंस में अखिलेश यादव ने कहा कि चंद्रशेखर की पार्टी से 2 सीटों पर समझौता हो गया था। फिर उन्हें किसी का फोन आया और गठबंधन नहीं हो सका’।