लखनऊ। आजादी का अमृत महोत्सव पर्व पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आज यानी बुधवार को आटोमेटिक ड्राइविंग टेस्टिंग ट्रैक और बस स्टैंड का उद्घाटन किया। साथ ही उन्होंने 150 नई BS-6 डीजल बसों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। हर जिले के लिए दो बसें आवंटित की जाएंगी। इस मौके पर सीएम योगी ने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों को परिवहन के विकास कार्य समर्पित किए।
सीएम योगी ने कहा कि जब 150 नई बसें शुरु करने का प्रस्ताव मेरे पास आया तो मैंने कहा कि रक्षाबंधन के दिन से इन बसों के संचालन के लिए कोई अच्छा दिन नहीं हो सकता है। इसलिए मैंने सभी जिलों को दो दो बसें देने की घोषणा की और कहा कि आज रात 12 बजे से अगले 48 घंटों के लिए प्रदेश की सभी बहनें और बेटियां मुफ्त में बसों में सफर करेंगी।
यूपी को सीएम योगी ने सौंपी 150 नई बसें
- मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि रक्षा बंधन के एक दिन पूर्व परिवहन निगम की ओर से 150 बीएस 6 बसों का संचालन शुरु किया गया है।
- यूपी के सभी 75 जिलों को पहले चरण में दो-दो बसें आवंटित की गई हैं। आज इसका शुभारंभ किया जा रहा है।
- प्रदेश के अंदर परिवहन निगम की ओर से झांसी, बरेली, अलीगढ़ के ड्राइविंग ट्रेनिंग एक टेस्टिंग इंस्टीट्यूट, सारथी हाल फिरोजाबाद के साथ सात बस स्टेंडो का लोकापर्ण और दो बस स्टेंडो का शिलान्यास आज हो रहा है।
- मुख्यमंत्री ने कहा जब कोई कामन मैन घर से बाहर निकलता है और उसे कहीं जाना होता है तो सबसे पहले उसका वास्ता परिवहन निगम की बस से होता है और फिर वह उन साधनों का उपयोग करते हुए अपने गंतव्य तक पहुंच पाता है।
- उत्तर प्रदेश परिवहन निगम को प्रोफेशल तरीके से आगे बढ़ाने की आवश्यकता थी जो समय के अनुरुप नहीं हो पाया।
- सीएम योगी ने कहा 2019 में जब प्रयागराज कुंभ था तो उस दौरान श्रद्धालुजनों की सुविधा के लिए प्रदेश सरकार ने प्रयागराज मेला प्राधिकरण और परिवहन निगम के माध्यम से बसों को खरीदा था।
- सभी बसों के बेड़े को बाद में परिवहन निगम को ही सौंप दिया गया था और उसका परिणाम था कि 2019 में जो बसें हमे मिली थीं उन्होंने प्रदेश के अंदर सदी की सबसे बड़ी महामारी के दौरान महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि कोरोना के दौरान लाकडाउन के बाद जब बड़ी संख्या में प्रवासी कामगार और श्रमिक अपने घरों की ओर लोटे तो वो बसे उनका सहारा बनी। करीब 1 करोड़ कामगारों और श्रमिकों को हम उन बसों के जरिए प्रदेश के अंदर और उत्तर प्रदेश की सीमापर छोड़कर अन्य राज्यों में भी उन्हें भेजने में सफल हुए।
जिसमें 40 लाख कामगार और श्रमिक तो सिर्फ उत्तर प्रदेश के थे। तीस लाख बिहार के थे। उड़ीसा, राजस्थान, मध्यप्रदेश, वेस्ट बंगाल, दिल्ली, झारखंड और छत्तीसगढ़ से आने वा जाने वाले कामगारों और श्रमिकों को यूपी परिवहन निगम की बसों के जरिए ही उनके गंतव्य तक पहुंचाया गया।