जयपुर। राजस्थान में गहलोत सरकार पर संकट पांचवें दिन मंगलवार को भी बरकरार है। कल दिन भर सियासी ड्रामा चलता रहा। आज भी हालात वैसे ही बन रहे हैं। विधायक दल की बैठक सुबह 10:30 बजे होनी थी, लेकिन यह एक घंटे देरी से 11:30 बजे शुरू हुई। बताया गया कि बगावत पर उतरे उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके समर्थक विधायकों का इंतजार किया गया। इससे पहले पायलट को इस बैठक के लिए न्योता भेजा गया था। हालांकि, पायलट खेमे ने फिर आने से इनकार कर दिया।
इससे पहले, सोमवार को मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने विधायकों की परेड कराई थी। इस दौरान, उन्होंने कहा कि हमारे पास बहुमत (101 विधायक) से ज्यादा 109 एमएलए हैं। वहीं, पायलट ने सोमवार शाम अपने विधायकों का वीडियो जारी किया। कहा कि उनके पास 19 विधायक हैं। हालांकि, वीडियो में 17 विधायक नजर आए। खेमे ने कहा कि गहलोत सरकार अल्पमत में है। फ्लोर टेस्ट कराए। गहलोत खेमे के विधायक जयपुर के पास कूकस के फेयर माउंट होटल में ठहरे हैं। वहीं, पायलट खेमे के विधायक हरियाणा के मानेसर में रुके हैं।
अपडेट्स
- सूत्रों के मुताबिक, सचिन पायलट अब गहलोत के साथ काम नहीं करना चाहते। उन्होंने अपनी यह मंशा कांग्रेस के सीनियर नेताओं के साथ बातचीत में जाहिर की है।
- राजस्थान कांग्रेस प्रभारी अविनाश पांडे ने मंगलवार सुबह विधायक दल की बैठ्क के पहले कहा कि हम सचिन पायलट को दूसरा मौका दे रहे हैं, उनसे आज की विधायक दल की बैठक में भाग लेने के लिए कहा। मुझे उम्मीद है कि आज सभी विधायक आएंगे और नेतृत्व को एकजुटता देंगे, जिसके लिए राजस्थान के लोगों ने मतदान किया, हम सभी राज्य के विकास के लिए काम करना चाहते हैं।
- राज्य के खाद्य और आपूर्ति मंत्री रमेश मीणा ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘वे इस संकट में सचिन पायलट के साथ खड़े हैं।’
- राजस्थान भाजपा अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा, ‘कांग्रेस दावा कर रही है कि उनके नेता एकजुट हैं, लेकिन यह साफ है कि उनके बीच आंतरिक विवाद है। इसलिए सचिन पायलट पार्टी छोड़ रहे हैं। अभी हमने फ्लोर टेस्ट की मांग नहीं की है।
राहुल, प्रियंका ने संपर्क साधा, लेकिन पायलट समझौते के लिए राजी नहीं
कांग्रेस पायलट को मनाने में जुटी है। सोमवार को राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के अलावा पी. चिदंबरम और केसी वेणुगोपाल ने उनसे संपर्क साधा था। कांग्रेस सूत्रों ने कहा कि पायलट समझौते को राजी नहीं हुए। उन्होंने राहुल गांधी के साथ मुलाकात से भी इनकार कर दिया। हालांकि, सूत्र यह भी दावा कर रहे हैं कि पायलट ने शीर्ष नेतृत्व के समक्ष चार शर्तें रखी हैं।
इनमें कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष का पद बरकरार रखने के अलावा गृह और वित्त विभाग दिए जाने की मांग भी शामिल है। उधर, पायलट सीधे कुछ बोलने और ट्वीट करने के बजाय करीबियों से बयान दिला रहे हैं, ताकि पार्टी विरोधी गतिविधियों के लिए उन पर कोई कार्रवाई न हो सके।
विधायक दल की बैठक से 19 नदारद
सीएम आवास पर सोमवार को दोपहर एक बजे विधायक दल की बैठक हुई थी। इसमें सर्वसम्मति से प्रस्ताव पारित कर मांग की गई कि बैठक में शामिल नहीं होने वाले विधायकों पर कड़ी कार्रवाई की जाए और बर्खास्त किया जाए। पायलट खेमे का दावा है कि विधायक दल की बैठक में जो 19 विधायक नहीं पहुंचे उनमें दीपेंद्र सिंह शेखावत, राकेश पारीक, जीआर खटाना, मुरारी लाल मीणा, गजेंद्र सिंह शक्तावत, इंद्रराज सिंह गुर्जर, भंवर लाल शर्मा, विजेंद्र ओला, हेमाराम चौधरी, पीआर मीणा, रमेश मीणा, विश्वेंद्र सिंह, रामनिवास गावड़िया, मुकेश भाकर, सुरेश मोदी, हरीश मीणा, वेद प्रकाश सोलंकी व अमर सिंह जाटव शामिल हैं।
इनके अलावा जिन तीन निर्दलीय विधायकों को कांग्रेस ने अपनी संबद्धता सूची से हटाया था, उनके सहित करीब 30 विधायक हमारे साथ हैं।