राज्य सभा में 8 फरवरी को बोल सकते हैं प्रधानमंत्री मोदी, सभी की निगाहें

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सोमवार को राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर संबोधन कर सकते हैं। यह जानकारी सूत्रों ने दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के इस दिन के भाषण पर सभी की निगाहें हैं। सूत्रों का कहना है कि विपक्षी सदस्यों की ओर से कृषि कानूनों पर उठाए गए सभी सवालों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने भाषण में जवाब दे सकते हैं। तीनों कृषि कानूनों के औचित्य पर सदन में उनके बोलने के काफी मायने होंगे।

इस वक्त संसद के बजट सत्र में कृषि कानूनों पर लोकसभा में हर दिन हंगामा हो रहा है, जिससे कई बार सदन स्थगित करना पड़ी। हालांकि, राज्य सभा में पिछले दो दिन से लगातार बहस चल रही है।

कृषि कानूनों के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर चल रहे किसान आंदोलन के 72 दिन हो गए हैं। इसे मजबूत करने की कड़ी में आज से उत्तर प्रदेश और राजस्थान में किसान पंचायतों की सीरीज शुरू की जाएगी, जो फरवरी के आखिर तक चलेगी। इनका आयोजन राष्ट्रीय लोक दल (RLD) की तरफ से किया जा रहा है। RLD ने पिछले हफ्ते किसान आंदोलन को समर्थन देने का ऐलान किया था।

RLD के उपाध्यक्ष जयंत चौधरी ने गुरुवार को कहा कि किसान पंचायतों का मकसद सरकार को यह बताना है कि यह एक बड़ा आंदोलन है। इसमें राजनीतिक दलों की जिम्मेदारी बनती है कि वे किसानों तक पहुंचें और दूसरे लोगों को भी इस मुद्दे की संवेदनशीलता बताएं।

विपक्ष की मांग- किसानों के मुद्दे पर संसद में अलग से चर्चा हो
विपक्षी दलों के नेता सड़क से लेकर संसद तक सरकार को घेरने में लगे हैं। 9 विपक्षी दलों के 12 सांसदों ने गुरुवार को लोकसभा स्पीकर ओम बिड़ला को चिट्ठी लिखकर कृषि कानूनों पर सदन में अलग से चर्चा की मांग रखी। गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों के जमावड़े और पुलिस की तैयारियों को देखते हुए विपक्षी नेताओं ने चिट्ठी में यह भी लिखा कि दिल्ली का गाजीपुर बॉर्डर भारत-पाकिस्तान बॉर्डर जैसा नजर आ रहा है।

विपक्ष के एक डेलिगेशन ने लोकसभा स्पीकर से इस बात की शिकायत भी की कि उन्हें गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों से मिलने से पुलिस ने रोक दिया। अकाली दल की सांसद और पूर्व केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल की अगुवाई में 10 विपक्षी दलों के 15 नेता गुरुवार को गाजीपुर बॉर्डर पहुंचे थे। ये किसानों से मिलना चाहते थे, लेकिन पुलिस ने इन्हें रोक दिया। ऐसे में विपक्ष के डेलिगेशन को गाजीपुर से बैरंग लौटना पड़ा था।

चक्का जाम पर किसान और पुलिस बना रहे रणनीति
संयुक्त किसान मोर्चे ने 6 फरवरी को यानी कल 3 घंटे के चक्का जाम का ऐलान किया है। इसे लेकर किसान नेता और सुरक्षाबल अपनी-अपनी स्ट्रैटजी बना रहे हैं। दिल्ली-NCR में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बलों (CRPF) की 31 कंपनियों की तैनाती 2 हफ्ते के लिए और बढ़ा दी गई है। दिल्ली में तैनात CRPF की सभी यूनिट्स से कहा गया है कि वे अपनी बसों पर तारों का जाल लगा लें।

उधर, हरियाणा के डीजीपी मनोज यादव ने बताया कि SP जिलों में किसानों से बात कर रहे हैं, ताकि कहीं कोई दिक्कत नहीं हो। पुलिस की ओर से ट्रैफिक एडवाइजरी भी जारी की जाएगी। इससे लोगों को घर से निकलने से पहले यह पता रहेगा कि उन्हें किस रूट से जाना है।

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