राममंदिर का इतिहास सुरक्षित रखेगा गर्भगृह के 200 गहराई में नीचे रखा टाइम कैप्सूल

अयोध्या। राम मंदिर का इतिहास हजारों साल तक रहे, इसके लिए मंदिर के गर्भगृह की 200 फीट गहराई में टाइम कैप्सूल रखा जाएगा। इसमें मंदिर की पूरी डिटेल होगी। ताकि भविष्य में जन्मभूमि और राम मंदिर का इतिहास देखा जा सके और कोई विवाद नहीं हो। श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के सदस्य कामेश्वर चौपाल ने यह जानकारी दी।

3 अगस्त से शुरू होगा अनुष्ठान
बिहार के रहने वाले कामेश्वर चौपाल ने 9 नवंबर 1989 को अयोध्या में राम मंदिर के लिए आधारशिला रखी थी। तभी से मंदिर बनने का इंतजार कर रहे हैं। 5 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी राम मंदिर की आधारशिला रखेंगे। इससे पहले 3 अगस्त से वैदिक अनुष्ठान शुरू हो जाएंगे। 5 अगस्त को प्रस्तावित भूमि पूजन समारोह का दूरदर्शन पर लाइव टेलीकास्ट होगा।

200 फीट गहराई की मिट्टी का सैंपल लिया गया था
राम मंदिर के चीफ आर्किटेक्ट निखिल सोमपुरा ने बताया कि प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के बाद मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा। 200 मीटर गहराई की मिट्टी का सैंपल लिया गया था। जिसकी अभी रिपोर्ट नहीं आई है। रिपोर्ट के मुताबिक, एलएनटी कंपनी नींव की खुदाई शुरू कर देगी। नींव की गहराई कितनी होगी, यह रिपोर्ट आने के बाद तय होगा। मंदिर का प्लेटफार्म 12 फीट से 15 फीट के बीच रहने की चर्चा है।

क्या है टाइम कैप्सूल?
टाइम कैप्सूल एक कंटेनर की तरह होता है। यह हर तरह के मौसम का सामना कर सकता है। आमतौर पर भविष्य में लोगों के साथ कम्युनिकेशन करने के लिए इसका इस्तेमाल किया जाता है। इससे पुरातत्वविदों या इतिहासकारों को स्टडी में मदद मिलती है। 30 नवंबर 2017 को स्पेन के बर्गोस में करीब 400 साल पुराना टाइम कैप्सूल निकला था। यह ईसा मसीह की मूर्ति के रूप में था। मूर्ति के भीतर 1777 के आसपास की आर्थिक, राजनीतिक और सांस्कृतिक जानकारियां थीं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here