राहत पैकेज के दूसरे चरण का एलान, वन नेशन कार्ड के जरिए अगस्त तक 67 करोड़ लोगों को मिलेगा लाभ

नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के ब्रेकअप के दूसरे चरण की जानकारी दी। देश की अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए 20 लाख करोड़ के पैकेज के दूसरे किस्त को लेकर आज कई एलान किए गए। उन्होंने कृषि कर्ज पर इंटरेस्ट सब्वेंशन और प्रॉम्पट रिपेमेंट इंसेंटिव का लाभ अब 31 मई, 2020 तक देने की बात कही। वित्त मंत्री ने 25 लाख नए किसान क्रेडिट कार्ड होल्डर्स के लिए 25,000 करोड़ रुपये के लोन को मंजूरी का एलान भी किया। वित्त मंत्री ने कहा कि गरीब कल्याण योजना देश के गरीब लोगों के लिए था। वित्त मंत्री ने बताया कि प्रवासी मजदूरों की मदद के लिए 14 करोड़ 62 लाख काम पैदा किए गए। इसमें 10000 करोड़ खर्च किए।

वित्त मंत्री ने अप्रवासी मजदूर, स्ट्रीट वेंडर, छोटे व्यापारियों और किसानों के लिए अहम घोषणाएं कीं। छोटे किसानों को दिए जाने वाले कर्ज पर ब्याज में छूट की स्कीम 31 मई तक बढ़ा दी गई है। अपने घरों को लौट रहे अप्रवासी मजदूरों को वहीं पर काम दिया जाएगा। उन्हें अगले 2 महीने तक 5 किलो गेहूं या चावल प्रति व्यक्ति और 1 किलो चना प्रति परिवार मुफ्त मिलेगा। अगस्त तक देश में एक देश-एक राशन कार्ड योजना लागू होगी। इससे 67 करोड़ गरीबों को फायदा होगा।

ब्रेकअप पार्ट-2

 1) किसान

  • लोन की किश्त में तीन महीने की छूट का फायदा 3 करोड़ किसानों ने उठाया। इन किसानों के 4.22 लाख करोड़ रुपए के लोन हैं। मार्च-अप्रैल में 63 लाख कृषि कर्ज दिए गए। ये 86 हजार 600 करोड़ के थे। इससे किसानों को फायदा हुआ। फसल की खरीद के लिए राज्यों को दी जाने वाली वित्तीय मदद 6700 करोड़ रुपए केंद्र सरकार ने बढ़ाई। ग्रामीण इलाकों में इन्फ्रास्ट्रक्चर के विकास के लिए 4200 करोड़ रुपए दिए गए हैं।
  • किसानों के लिए इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम को 31 मई तक जारी रहेगी यानी छोटे किसानों के लिए कर्ज पर ब्याज में छूट की स्कीम 31 मई तक बढ़ा दी गई है।
  • छोटे किसानों के लिए 30,000 करोड़ का अतिरिक्त फंड नाबार्ड के जरिए तुरंत रिलीज किया जाएगा। ताकि रबी की फसलों की बुवाई का काम तेजी से हो सके। इससे 3 करोड़ किसानों को फायदा होगा।
  • 2.5 करोड़ किसानों के पास किसान क्रेडिट कार्ड नहीं हैं। किसान क्रेडिट कार्ड योजना का विस्तार किया जाएगा। इसमें फिशरीज और एनिमल हस्बैंडरी किसान को भी शामिल किया जाएगा। उन्हें रियायती दरों पर 2 लाख करोड़ के कर्ज दिए जाएंगे।

2) प्रवासी मजदूर

  • कोरोना के दौरान प्रवासी मजदूरों के लिए शेल्टर होम की व्यवस्था की। जो शहरी लोग बेघर हैं, उन्हें इसका फायदा मिला।
  • जो अप्रवासी मजदूर अपने राज्यों में लौटे हैं, उनके लिए भी योजनाएं हैं। इस पर अब तक 10 हजार करोड़ रुपए खर्च कर चुके हैं। इसके तहत 1.87 हजार ग्राम पंचायतों में काम हुआ है। जो मजदूर अपने घरों में लौटे हैं, वे वहीं रजिस्टर कर काम ले सकते हैं। पिछले वित्त वर्ष में औसत मजदूरी 182 रुपए से बढ़कर 202 रुपए हो गई।
  • न्यूनतम वेतन का लाभ 30% वर्कर उठा पाते हैं। समय पर उन्हें पैसा नहीं मिलता। गरीब से गरीब मजदूर को भी न्यूनतम वेतन मिले और क्षेत्रीय असामनता दूर हो इसके लिए कानून बनाया जाएगा।
  • 8 करोड़ प्रवासी मजदूरों के लिए फ्री राशन की सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए 3 हजार 500 करोड़ रुपए का प्रावधान कर रहे हैं। प्रति व्यक्ति 5-5 किलो गेहूं या चावल और एक किलो चना प्रति परिवार दिया जाएगा। राज्य सरकारों पर इसे लागू करने की जिम्मेदारी होगी।
  • प्रवासी किसी भी राशन कार्ड कार्ड से किसी भी राज्य की किसी भी दुकान से खाद्य सामग्री ले सकेंगे। वन नेशन वन राशन कार्ड अगस्त से लागू किया जाएगा। मार्च 2021 तक यह योजना पूरी तरह लागू हो जाएगी।

3) गरीब

  • प्रवासी मजदूरों और शहरी गरीबों को सस्ते किराए पर मकान दिलवाने की योजना। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इसे शामिल किया जाएगा।
  • उद्योगपति अपनी जमीन पर ऐसे घर बनाते हैं तो उन्हेें रियायत दी जाएगी। राज्य सरकारों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे।

4) स्ट्रीट वेंडर

  • स्ट्रीट वेंडर को 5000 करोड़ रुपए की स्पेशल क्रेडिट सुविधा मिलेगी। एक महीने में सरकार योजना लागू करेगी। 50 लाख स्ट्रीट वेंडर को फायदा होगा।
  • इस योजना के तहत स्ट्रीट वेंडरों को 10,000 रुपए का फायदा मिलेगा। डिजिटल पेमेंट अपनाने पर उन्हें इनाम दिया जाएगा।

5) छोटे व्यवसायी
मुद्रा शिशु लोन के तहत 50 हजार तक के लोन पर 2% इंटरेस्ट सबवेंशन स्कीम का लाभ 12 महीने दिया जाएगा। 3 करोड़ लोगों को सबवेंशन स्कीम का फायदा होगा।
6) आम आदमी
मिडिल इनकम ग्रुप जिनकी सालाना आय 6 लाख से 18 लाख तक है। उनके लिए अफोर्डेबल हाउसिंग के तहत क्रेडिट लिंक सब्सिडी स्कीम मार्च 2021 तक बढ़ाई जा रही है। इससे 2.5 लाख लोगों को फायदा होगा।
7) रोजगार निर्माण
आदिवासी इलाकों, ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार बढ़े, इसके लिए 6000 करोड़ के कैम्पा फंड का इस्तेमाल किया जाएगा।

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