नई दिल्ली। 2019 चुनाव करीब आ जाने और मध्य प्रदेश कुछ राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी मैदान में उतर चुके हैं। उन्होने अपने साथियों को एक साथ लाने की कोशिशें तेज कर दीं है। उल्लेखनीय है कि मध्यप्रदेश कांग्रेस के भीतर चल रही गुटबाजी को कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गंभीरता से लिया है। ज्ञात हो कि मध्यप्रदेश में अगले दिनों में विधानसभा चुनाव होने हैं और इसके बाद आम चुनाव होने हैं। इस स्थिति में आंतरिक गुटबाजी पार्टी के प्रदर्शन पर विपरीत असर डाल सकती है। इस पर अंकुश लगाने के लिए राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के पार्टी नेताओं के साथ बैठक कर इस मसले पर विचार-विमर्श किया।
सभी को एक साथ रहने की नसीहत देते हुए उन्होंने कहा कि एकजुट हुए बिना भाजपा के विजयरथ को रोक पाना आसान नहीं है। बैठक में दिग्विजय सिंह, कमलनाथ, ज्योतिरादित्य सिंधिया और दूसरे बड़े कांग्रेस नेता मौजूद थे। बैठक में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भाजपा को हराने के लिए एकजुट होकर काम करना ज़रूरी है। अस्वस्थ द्रमुक नेता एम करुणानिधि को देखने चेन्नई रवाना होने से पहले गांधी ने मंगलावर की सुबह मध्य प्रदेश से जुड़े कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं के साथ राज्य में पार्टी की वर्तमान स्थिति और चुनाव तैयारियों को लेकर विस्तार से बातचीत की।
उल्लेखनीय है कि बैठक में कांग्रेस के मध्य प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया, प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ, चुनाव प्रचार समिति के अध्यक्ष ज्योतिरादित्य सिंधिया और वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह मौजूद रहे। हाल के दिनों में मध्यप्रदेश कांग्रेस में गुटबाजी की खबरें आई हैं। हाल ही में रीवा में बाबरिया के साथ कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने कथित तौर पर धक्का-मुक्की की थी। खबरों के मुताबिक बाबरिया ने बयान दिया था कि राज्य में कमलनाथ और सिंधिया ही मुख्यमंत्री पद के दावेदार हैं। जिससे प्रदेश कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अजय सिंह के समर्थक नाराज हो गए। और उनके साथ कथित तौर पर धक्का-मुक्की की. दूसरी तरफ बाबरिया के करीबी ऐसी किसी भी घटना से इनकार कर रहे हैं। उल्लेखनीय है कि मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह इस गुटबाजी को रोक पाने में पूरी तरह असफल रहे है। जिसके बाद राहुल गांधी को खुद इस मामले को हैंडल करने के लिए उतरना पड़ा है।