मॉस्को। रशियन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट फंड (आरडीआईएफ) के सीईओ किरील डिमित्रिएव ने कहा है कि रूस की वैक्सीन स्पूतनिक वी को विकसित करने में भारत प्रमुख सहयोगी रहा है। उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि अगले महीने हमें इसके प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग के आदेश मिल सकते हैं। इसके बाद हम भारत को वैक्सीन की खेप उपलब्ध कराने में सक्षम होंगे।
डिमित्रिएव ने बताया कि लांसेट की ओर से पब्लिश किए गए डेटा में बताया गया है कि केवल रूस की वैक्सीन स्पूतनिक वी ही ऐसी तीसरी वैक्सीन है जिसकी प्रभाविकता 90 प्रतिशत है। इसे आसानी से ले जाया जा सकता है और इसे 2 से 3 डिग्री में स्टोर करके भी रखा जा सकता है।
लांसेट जनरल में प्रकाशित रिपोर्ट के अनुसार आंतरिक तौर पर किए गए विश्लेषण से पता लगा है कि लोगों को कोरोना से बचाने में कोरोना वैक्सीन 91 प्रतिशत प्रभावी है।
स्पूतनीक वी वैक्सीन पहले ही 16 देशों में पंजीकृत हो चुकी है। इन देशों में रूस, बेलारूस, अर्जनटीना, फिलिस्तान, वेनेजुएला, पराग्वे, तुर्मेनिस्तान, हंगेरी, यूएई, इरान, ट्यूनेशिया, गुएना, अर्मेनिया शामिल हैं।इसमें यह भी कहा गया है कि फरवरी के पहले सप्ताह में स्पूतनिक वी वैक्सीनेशन 12 देशों में शुरू हो जाएगा।
इन देशों में बोलीविया, कजाक्सतान, बोलीविया, यबएई, अर्मेनिया, अलजीरिया, बोस्निया, वेनेजुएला, इरान, बोस्नियन सर्ब रिपब्लिक आदि शामिल हैं।