लेखक: नीरज झा
यूक्रेन के साथ जारी जंग के बीच पुतिन अपने देश में फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम जैसे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और कई अन्य साइट्स पर बैन लगा चुके हैं। नेटफ्लिक्स, टिकटॉक जैसी कई अन्य वेबसाइट ने रूस में काम करना बंद कर दिया है। लेकिन, रूसी नागरिकों ने पुतिन की सारी पाबंदियों को नाकाम कर दिया है। रूसी अब दूसरा रास्ता अपनाकर इन सभी बैन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के लिए सिरदर्द बन गया है।
अब आप सोच रहे होंगे कि ऐसा कैसे हो सकता है? तो इसका जवाब यह है कि ये VPN से हो रहा है। इसे हर रोज 4 लाख से ज्यादा रूसी लोग डाउनलोड कर रहे हैं।
ऐसे में आज के भास्कर इंडेप्थ में जानेंगे कि ये VPN क्या है? काम कैसे करता है? इसे इस्तेमाल कैसे करते हैं?
VPN है क्या?
VPN का फुल फॉर्म वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क होता है। इसकी शुरुआत 1996 में हुई थी। दावा किया जाता है कि इसे माइक्रोसॉफ्ट के स्टाफ गुरदीप सिंह पाल ने शुरू किया था। यह एक ऐसा टूल है, जो आपको प्राइवेट नेटवर्क बनाने में मदद करता है।
इसे ऐसे समझिए कि भले ही आप Jio, Airtel, BSNL जैसे किसी भी ब्रॉडबैंड का इस्तेमाल कर रहे हों, VPN से आप अपना प्राइवेट नेटवर्क बनाते हैं। प्राइवेट नेटवर्क का मतलब है कि आप सीमित लोगों से या अपने होम नेटवर्क कनेक्शन से जुड़े रहते हैं।
यानी कि आप इसकी मदद से किसी चीज को इंटरनेट पर सर्च करते हैं तो इसका कोई भी डेटा उस देश की सरकार या निगरानी करने वाले संस्थान, ऑपरेटर के पास स्टोर नहीं हो पाता है। VPN का मुख्य काम नेटवर्क ट्रैफिक को एन्क्रिप्ट रखना है। यानी आप जिस IP एड्रेस (इंटरनेट प्रोटोकॉल) के साथ सर्च करते हैं ये उस एड्रेस और लोकेशन को छिपा देता है, कोई उसे ट्रैक नहीं कर पाता है। लोकेशन और आईपी ऐड्रेस को बदल देता है। यानी गायब कर देता है।
मान लें कि आप किसी ब्रॉडबैंड कंपनी जैसे Jio, Airtel का नेटवर्क इस्तेमाल कर रहे हैं तो उस इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर यानी ISP को सब पता होता है कि आप क्या सर्च कर रहे हैं? कौन-सी वेबसाइट देख रहे हैं? क्या डाउनलोड कर रहे हैं? इतना ही नहीं सर्विस कंपनी के पास आपकी ऑनलाइन हिस्ट्री भी होती है। इसी की मदद से वो आपको सर्च हिस्ट्री से रिलेटेड विज्ञापन दिखाते हैं। लेकिन, जब आप VPN का इस्तेमाल करते हैं तो ये आपकी आईपी एड्रेस को ही गायब कर देता है। इससे कोई आपको ट्रैक नहीं कर पाता है। इसे आप किसी भी ऐप स्टोर से या गूगल से डाउनलोड कर सकते हैं।
VPN पुतिन के किन मंसूबों पर पानी फेर रहा है?
जंग से जुड़ी जानकारियां रूसी नागरिकों तक ना पहुंचें और पुतिन अपने मनमुताबिक ही खबरों को नागरिकों तक पहुंचाए, इसके लिए उसने युक्रेन के साथ युद्ध शुरू होते ही फेसबुक, इंस्टाग्राम जैसी कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और न्यूज वेबसाइट्स पर बैन लगा दिया था।
यूक्रेन जंग के बीच रूसी नागरिक अपनी ही सरकार के खिलाफ विरोध कर रहे हैं। यही वजह है कि पुतिन की नजर ऑनलाइन कंटेंट पर है कि आम लोगों तक क्या पहुंच रहा है? रूसी नागरिक क्या देख रहे हैं? पुतिन अब गूगल पर दबाव बना रहे हैं कि गूगल VPN को लिस्ट से बाहर करे ताकि उसके देश के लोग इसका इस्तेमाल न कर पाएं।
पुतिन सरकार अपने नागरिकों को रूसी सोशल प्लेटफॉर्म्स इस्तेमाल करने के लिए कह रही है। इसमें रूस का VK, ओडनोक्लासनिकी यानी OK जैसे सोशल नेटवर्क शामिल हैं। रूस चाहता है कि उनके नागरिक इन प्लेटफॉर्म्स का इस्तेमाल करें ताकि उन पर नजर रखी जा सके।
रूस का नया कानून क्या है?
सख्ती के लिए 5 मार्च को पुतिन सरकार ने एक कानून बनाया। इसके मुताबिक रूसी लोग कथित फेक न्यूज नहीं फैला सकते हैं, जिसमें रूसी हमले या जंग की बात हो। रूसी सेना की कार्रवाई को विशेष सैन्य ऑपरेशन कहना है। इसका उल्लंघन करने वालों को 15 साल तक की जेल हो सकती है।
रूस में VPN यूजर्स की संख्या में 3500% से अधिक का इजाफा
कई प्लेटफॉर्म्स के बैन होने के बाद अब रूसी नागरिक VPN को धड़ल्ले से इस्तेमाल कर रहे हैं। हर रोज 4 लाख से अधिक लोग इसे डाउनलोड करते हैं। 15 फरवरी से लेकर अब तक VPN यूजर्स की संख्या में 3500% से अधिक का इजाफा हुआ है। यानी VPN ने पुतिन की सख्त ऑनलाइन सेंसरशिप में सेंध लगा दी है।
ऐसे में रूस ने भले ही यूट्यूब, फेसबुक जैसे साइट्स को बैन कर दिया हो, लेकिन वहां के लोग VPN के जरिए IP एड्रेस की लोकेशन बदलकर इन प्लेटफॉर्म्स को एक्सेस कर रहे हैं। कई बार ऐसा हुआ है जब किसी देश की सरकार ने अपने नागरिकों की निगरानी करने के लिए कई तरह के प्रतिबंध लगाए हैं और लोगों ने इसका तोड़ निकाला है। VPN भी वही है। इसके यूजर्स और मार्केट वैल्यू में लगातार इजाफा हो रहा है।
भारत में VPN के कितने यूजर्स हैं?
ग्लोबल VPN प्रोवाइडर AtlasVPN के मुताबिक अगस्त 2021 तक भारत में 35 करोड़ लोगों ने VPN इंस्टॉल किया। 2020 के मुकाबले 2021 में VPN यूजर्स की संख्या में 671% का इजाफा हुआ। दुनियाभर में सबसे ज्यादा कतर, UAE और सिंगापुर के लोग VPN का इस्तेमाल करते हैं।
भारत में भी कई साइट्स बैन हैं। सितंबर 2020 में केंद्र सरकार ने गेमिंग ऐप पब्जी समेत 100 से अधिक ऐप को बैन कर दिया था। इसके बाद भारतीय यूजर्स VPN के जरिए इन प्रतिबंधित ऐप्स का इस्तेमाल करने लगे।
पब्लिक वाई-फाई से कनेक्ट रहने में VPN कैसा प्रोटेक्शन देता है?
अगर आप रेलवे स्टेशन, साइबर कैफे, कॉफी शॉप्स, रेस्टोरेंट, होटल आदि में पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल करते हैं तो आपकी प्राइवेसी खतरे में होती है। हैकर्स इन पब्लिक वाई-फाई का इस्तेमाल कर आपके डेटा तक पहुंच सकते हैं। मालवेयर वायरस की मदद से लोकेशन ट्रैक करते हैं और पासवर्ड तक चुरा लेते हैं। साइबर हमले करने वालों के लिए पब्लिक वाई-फाई सबसे बड़ा हथियार है।
इन खतरों के खिलाफ VPN आपको प्रोटेक्शन देता है। यह एक लेयर की तरह काम करता है। जो आपका IP एड्रेस, नेटवर्क ट्रैफिक सोर्स और इंटरनेट ब्राउजिंग सेशन को छिपाकर रखता हैं। इससे हैकर्स के लिए आपके डेटा तक पहुंचना मुश्किल हो जाता है।