लखनऊ। कोरोनाकाल में रेमडेसिविर, दवाइयों और ऑक्सीजन की ब्लैक मार्केटिंग करने वाले गिरोह पर नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत कार्रवाई होगी। STF और पुलिस की संयुक्त टीम ने 15 अप्रैल को इस गिरोह का खुलासा किया था। जांच में मालूम हुआ था कि ये लोग रेमडेसिविर की शीशी में ग्लूकोज भरकर 30 हजार रुपए में बेचते थे। इसके अलावा जरूरी दवाइयों और ऑक्सीजन सिलेंडर की ब्लैक मार्केटिंग भी करते थे।
यूपी-हरियाणा तक फैला था गिरोह
नकली रेमडेसिविर बेचने और दवाइयों, ऑक्सीजन सिलेंडर की ब्लैक मार्केटिंग करने वाला ये गिरोह यूपी से लेकर हरियाणा तक फैला था। पुलिस कमिश्नर असीम अरुण ने बताया कि 15 अप्रैल 2021 को एसटीएफ और बाबूपुरवा पुलिस ने रेमडेसिवीर इंजेक्शन की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का खुलासा किया था।
गिरोह का सरगना हरियाणा का रहने वाला सचिन कुमार है। इसमें नौबस्ता का मोहन सोनी और कानपुर देहात का प्रशांत शुक्ला भी शामिल है। इनके पास से 265 नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन बरामद हुए थे। पुलिस ने मामले में एनएसए की अनुमति के लिए डीएम आलोक तिवारी को फाइल भेजी थी। शुक्रवार रात डीएम ने फाइल पर मुहर लगा दी। तब पुलिस ने सचिन पर एनएसए एक्ट के तहत कार्रवाई की है।
जीवन रक्षक दवाओं की कालाबाजारी गंभीर अपराध
पुलिस कमिश्नर ने बताया कि महामारी के दौर में जीवन रक्षक दवाइयां, ऑक्सीजन सिलेंडर और अन्य मेडिकल उपकरणों की कालाबाजारी गंभीर अपराध है। इनकी कालाबाजारी में पूर्व में ही आदेश दिया गया था कि एनएसए के तहत कार्रवाई होगी।
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