लखनऊ। कोरोना काल बीतने के बाद करीब दो साल से सूनी पड़ी आम की मंडियों में इस बार रौनक होने के आसार हैं। विदेश में महक बिखेरने को बेताब आम की खास किस्मों के निर्यात की तैयारियां शुरू हो गई हैं। खास बात यह है कि इस बार फलों का राजा दशहरी आम देश की अत्याधुनिक एसी मंडी में शान के साथ अपनी जोरदार उपस्थिति दर्ज कराएगा। निर्यातकों के साथ बैठकों का दौर जारी है। इस बार नवाब नाम से नहीं शहीदों के ऐतिहासिक स्थल ‘काकोरी’ के ब्रांड नाम से विदेश में अपनी पहचान दर्ज कराएगा।
विशेष बाक्स में विदेश जाने को आतुर दशहरीः इसके लिए मंडी प्रशासन ने तैयारियां कर ली हैं। आम की पैकिंग के लिए बाकायदा डिब्बे बनाए गए हैं। जिन्हें ब्रांड प्रोमोशन के तौर पर आगे बढ़ाया जाएगा। अब तक विदेशों को निर्यात किए जाने वाले आम की पैकिंग एवं अन्य तैयारियां ज्यादातर निर्यातक स्वयं ही करते थे। पिछली बार की तरह इस बार विशेष पैकिंग बाक्स में काकोरी ब्रांड नाम से विदेश भेजा जाएगा।
महीनेभर में होती है करीब दो लाख क्विंटल आम की आवकः दशहरी की शुरुआत जून के दूसरे हफ्ते यानी 15 जून से शुरू हो जाती है। 15 जुलाई तक यह आम न केवल देश में बल्कि विदेश में अपनी धमक दिखाता है। इस दौरान रोज थोक मंडियों से 6000 से 7000 क्विटंल आम की आवक रहती है। मंडी सचिव की मानें तो एक माह में करीब दो लाख क्विंटल आम की आवक होती है।
दशहरी और चौसा का निर्यात का बीते चार साल का हाल
- 2018- 96.8 मीट्रिक टन
- 2019 -120.77 मीट्रिक टन
- 2020 – 121 मीट्रिक टन
- 2021 -15 टन मात्र
कोरोना काल में बीते साल आम का निर्यात काफी खराब हालत में रहा था। लेकिन इस बार आम साफ है। फसल कमजोर होने के बाद भी आम का निर्यात बेहतर होगा। -संजय सिंह, सचिव मंडी