लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के कोरोना वाॅरियर्स ने वायरस से बचाव के लिए एक अनोखा फेस मास्क बनाया है। अपनी डिजाइन और भार रहित पहनावे के चलते यह फेस मास्क लखनऊवासियों के बीच आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। पहनने में अत्यधिक हल्का होने के कारण कोरोना वाॅरियर्स की टीम ने इसका नाम गाॅगल फेस मास्क रखा है। दरअसल इसका वजन मात्र पांच से सात ग्राम है और इसे चेहरे पर लगाते ही आभास होता है कि जैसे कोई चश्मा पहने हुए हैं।
इस गाॅगल फेस मास्क को डिजाइन करने वाली राजधानी लखनऊ की ही मृदुला सहाय मेहरोत्रा हैं। नेशनल इंस्टीट्यूट आफ फैशन टेक्नालाजी मुंबई से फैशन डिजाइन में स्नातकोत्तर की डिग्री लेने के बाद वह ‘देशी धागा’ नामक गारमेंट की कंपनी संचालित करती हैं। श्रीमती मृदुला सहाय ने बताया कि उनकी कंपनी देशी धागा द्वारा निर्मित गाॅगल फेस मास्क आंख को बचाते हुए पूरे चेहरे को ढंक लेता है।
उन्होंने बताया कि एयर टाइट रखने के कारण यह मास्क मुंह और नाक को वायरस के संक्रमण से पूर्ण सुरक्षित रखता है। वहीं, इसके पहनने से नाक पर दबाव भी बिल्कुल नहीं पड़ता। यह कान पर भी कोई तनाव नहीं पैदा करता। साथ ही यह हर छोटे बड़े चेहरे पर फिट रहता है और सांस लेने में भी कोई दिक्कत नहीं पैदा करता है।
मृदुला सहाय ने बताया कि मास्क को लेकर प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. सुप्रतिम त्रिपाठी का कहना है कि इलास्टिक मास्क को अधिक समय तक पहनने से कान पर लगातार दबाव बना रहता है जिसके कारण एक विशेष प्रकार के सिर दर्द की बीमारी का खतरा रहता है। उन्होंने कहा कि चूंकि इस समय कोरोना संक्रमण के कारण पूरी दुनिया में मास्क पहनना अनिवार्य हो गया है।
ऐसे में देशी धागा द्वारा जिस गाॅगल फेस मास्क को विकसित किया गया है, उसके पहनने से कोई तनाव अथवा दबाव नहीं होता है। श्रीमती सहाय ने बताया कि ‘देशी धागा’ एक विशुद्ध स्वदेशी कंपनी है। इसके संचालन में उन्हें अपने पति अंकुर मेहरोत्रा का भी पूरा सहयोग मिला हुआ है। अंकुर एक मल्टी नेशनल कंपनी में अच्छे ओहदे पर कार्यरत थे लेकिन उसे छोड़कर अब गारमेंट के व्यवसाय से जुड़ गये हैं।