लखीमपुर : नौकरियों पर कोरोना की मार, प्राइवेट सेक्टर में लिखाए जा रहे इस्तीफे

लखीमपुर-खीरी। अभी हाल ही में मैगलगंज के रहने वाले एक गरीब ने नौकरी न रहने और आर्थिक तंगी के चलते खुदकुशी कर ली है। इसके बाद भी जिले में प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले कामगारों पर कंपनियों को रहम नहीं आ रहा है। लॉकडाउन में भले ही केंद्र की सरकार कर्मचारियों को बिना कटौती सैलरी भुगतान का आदेश दे रही हो परंतु इसके विपरीत मीडिल क्लास के लोगों को अपनी सैलरी के साथ ही नौकरी से हाथ धोना पड़ रहा है। कंपनी खुद ही कर्मचारियों से अपना इस्तीफा लिखवा रही है।
ताजा मामला जिले में संचालित चंदन डायग्नोशिस सेंटर में तैनात सीडीसी और अन्य स्टाफ के तौर पर तैनात कर्मचारियों का है। जिनसे कंपनी इस्तीफा लिखा रही है जो इस्तीफा नहीं लिख रहे है उनकी आईडी बंद कर दी जा रही है। साथ उनकी बायोमैटिक हाजिरी भी लगनी कंपनी ने बंद करा दी है। काम कर रहे छह कर्मचारियों को इस्तीफा लिखाने का दबाव बनाया जा रहा है। साथ ही उनसे कहा गया है कि अभी काम नहीं है अगर काम होगा तो उनको बुलाया जा सकता है।
पीड़ित सुरेश कुमार ने बताया कि उनकी घर की हालत काफी कमजोर है ऐसे में नौकरी न रहने पर घर परिवार पर दिक्कतों का पहाड़ टूट पड़ेगा। इनके साथ ही दीपेन्द्र, अंकुज यादव, अंजु और अमित तिवारी भी इस लिस्ट में शामिल हैं।
किसी से भी नहीं लिखाया जा रहा इस्तीफा 
शहर में चंदन पैथालॉजी सेंटर के मैनेजर रविंदर सिंह ने बताया कि किसी भी कर्मचारी को निकाला नहीं जा रहा है। ज्यादा भीड़ न हो तो इसके लिए शिफ्ट लगाकर काम लिया जा रहा है। इसमें किसी की 15 दिन के बाद ड्यूटी पड़ रही है। किसी को कोई दिक्कत है वह आकर मिल सकता है।

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