लखीमपुर में नदियां उफान पर, हरकत में आये प्रशासन ने खाली कराए सीमावर्ती गांव

लखीमपुर। शारदा, घाघरा और मोहना नदियों में बांधों से पानी छोड़े जाने के कारण इनके किनारे बसे दर्जनों गांवों के लोगों को मजबूरन बाढ़ राहत शिविरों में जाना पड़ा है। इससे सबसे अधिक प्रभावित धौरहरा तहसील का गांव रैनी हुआ है। इसके अधिकांश घरों और लगभग सभी फसलों को बाढ़ के पानी ने नष्ट कर दिया गया है। यहां के 110 प्रभावित परिवारों को राहत शिविरों में स्थानांतरित किया गया है।

जिला प्रशासन बाढ़ से प्रभावित सभी परिवारों को राशन किट वितरित कर रहा है और साथ ही चीनी मिलों को सलाह दी है कि वे प्रभावित गांवों के किसानों के गन्ने का बकाया तुरंत लौटा दें।

बाढ़ राहत शिविरों में रहने वाले लोगों की चिकित्सा जांच की जा रही है और उन्हें सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के लिए भी कहा जा रहा है।

धौरहरा एसडीएम सुनंदु सुधाकरन ने कहा, “हम धौरहरा तहसील में राहत शिविर में परिवारों को राशन किट वितरित कर रहे हैं। हमने नि: शुल्क चिकित्सा जांच, शिशुओं का टीकाकरण भी सुनिश्चित किया है। हम उन्हें सलाह दे रहे हैं कि अगर किसी में भी कोविड -19 के लक्षण नजर आएं तो वे तत्काल हमें सूचना दें।”

एसडीएम ने कहा कि ऐरा चीनी मिल को सभी बाढ़ प्रभावित किसानों के लंबित बकायों का तुरंत भुगतान करने का निर्देश दिया गया है।

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