लद्दाख में चोट खाने के बाद बौखलाए चीन ने अब डोकलाम और भूटान का किया रुख

– लद्दाख से लेकर अरुणाचल, उत्तराखंड, सिक्किम में भी भारतीय सेना हाई अलर्ट पर
– अरुणाचल प्रदेश सीमा में चीनी घुसपैठ किये जाने की खुफिया जानकारी मिली
– भूटान की सीमा में झाम्फिरी रिज तक चीनी सेना कर रही है सड़क निर्माण

नई दिल्ली। लद्दाख में बुरी तरह चोट खाने से बौखलाया चीन अब एलएसी के दूसरे इलाकों में अपनी फौज का जमावड़ा करने में जुट गया है। चीन की गतिविधियां डोकलाम और भूटान के साथ अरुणाचल प्रदेश में भी बढ़ रही हैं। चीन की सेना यहां भूटान की सीमा में झाम्फिरी रिज तक सड़क निर्माण कर रही है। इसलिए भारतीय सेना को लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश और उत्तराखंड, सिक्किम में भी हाई अलर्ट पर रखा गया है।

खुफिया एजेंसियों ने कोर कमांडर की बातचीत से पहले एलएसी के साथ लगे इन प्रदेशों में भी चीनी घुसपैठ किये जाने की आशंका जताई है। अरुणाचल प्रदेश से लगी चीनी सीमा में गहराई वाले कम से कम चार क्षेत्रों में चीनी सैनिकों की तैनाती बढ़ी है। भारत-चीन सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में आम नागरिकों की आवाजाही पर रोक लगाने के भी आदेश दिए गए हैं।

खुफिया जानकारी मिली है कि पूर्वी लद्दाख में रेजांग लॉ और रेचेन लॉ की रणनीतिक ऊंचाइयों पर घुसपैठ में नाकाम होने के बाद चीनी नए निष्क्रिय क्षेत्रों में घुसपैठ करने की कोशिश कर सकते हैं। इसके बाद से अरुणाचल प्रदेश के अस्फिला, टूटिंग, चांग ज और फिशटेल-2 के विपरीत चीनी क्षेत्र में पीएलए की गतिविधियां देखी गई हैं। यह इलाके भारतीय सीमा से मात्र 20 किलोमीटर की दूरी पर हैं।

पिछले कुछ दिनों में चीनी सैनिकों की आवाजाही उनके द्वारा बनाए गए रास्तों पर देखी गई है। पीएलए के गश्ती दल नियमित रूप से इन्हीं रास्तों से भारतीय सीमावर्ती क्षेत्रों के बहुत करीब आ रहे हैं। इसीलिए यहीं से चीनी सेना के भारतीय क्षेत्र में घुसपैठ करके बिना आबादी वाली जगह को अपने कब्जे में लेने की आशंका जताई गई है।

सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि लद्दाख से लेकर अरुणाचल प्रदेश तक चीन के साथ लगभग सभी क्षेत्रों में कड़ी चौकसी बरती जा रही है। भारत-चीन सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच उत्तराखंड के सीमावर्ती क्षेत्रों में आम नागरिकों की आवाजाही पर रोक लगाने के भी आदेश दिए गए हैं।

भारत से पांच दौर की वार्ता होने के बाद चीन ने कोर कमांडर स्तर की अगली बैठक में भाग लेने के लिए सहमति जताई थी लेकिन अभी तक मिलने के समय और तारीख की पुष्टि नहीं की है। भारतीय और चीनी रक्षा मंत्रियों व विदेश मंत्रियों के बीच मास्को में हुई द्विपक्षीय वार्ताओं के बाद भी जमीन पर कोई बदलाव नहीं हुआ है।

सूत्रों के मुताबिक चीन की ऐसी किसी भी साजिश का जवाब देने के लिए भारतीय सेना पूरी तरह से सतर्क, सजग और मोर्चा लेने के लिए तैयार है।हालात को देखते हुए एलएसी पर सेना की तैनाती बढ़ाई गई है। चीन की ओर से किसी तरह के संभावित खतरे को देखते हुए भारत ने सीमा के सभी सेक्टरों पर सेना की मुस्तैदी बढ़ा दी गई है।

डोकलाम और भूटान इलाकों में भी गतिविधियां बढ़ीं
डोकलाम और भूटान इलाकों में चीनी सेना की मौजूदगी बढ़ने के बाद भारत के सर्वोच्च नेतृत्व ने इस पर गंभीरता से विचार किया है। 2017 के बाद डोकलाम में पिछले 6 महीने में एक बार फिर भारत और चीन की सेनाओं के बीच तनाव की स्थिति बनी है। चीन की सेना यहां भूटान की सीमा में झाम्फिरी रिज तक सड़क निर्माण कर रही है।

चीन की इस गुस्ताखी ने सिलीगुड़ी कॉरिडोर के लिए खतरा पैदा कर दिया है। हाल के दिनों में किये गए पीएलए के निर्माण कार्यों पर भारत के शीर्ष अधिकारियों ने भूटान के डोकलाम क्षेत्र में और उसके आसपास की स्थिति पर भी चर्चा की है।

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