केंद्र सरकार चीन सीमा के करीब लद्दाख में स्विट्जरलैंड जैसा नजारे वाला नया टूरिस्ट स्टेशन बनाने की तैयारी कर रही है। केंद्र सरकार पहले ही लद्दाख के लिए महत्वाकांक्षी हवाई संपर्क योजना को मंजूरी दे चुकी है जिसके तहत चीन सीमा के पास 22 आधुनिक हेलीपैड और लद्दाख की पहाड़ियों में 6 हवाई पट्टियां बनाने का काम चल रहा है। नया टूरिस्ट स्टेशन बनाने की विश्वस्तरीय यह परियोजना जोजीला सुरंग और जम्मू-कश्मीर के जेड मोड़ के बीच ऊंचाई वाले 18 किलोमीटर इलाके के लिए बनाई गई है।
जोजीला दर्रा समुद्र तल से 11,578 मीटर की ऊंचाई पर श्रीनगर-करगिल-लेह मार्ग पर है। इस समय एशिया की सबसे बड़ी इस जोजीला सुरंग का निर्माण तेजी से चल रहा है। केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने 15 अक्टूबर, 2020 को वीडियो कॉन्फ्रेंसिग के जरिए पहला ब्लास्ट करके दुनिया के सबसे खतरनाक रास्तों में से एक जम्मू-कश्मीर में जोजिला दर्रे के पास इस सुरंग का निर्माण कार्य शुरू कराया था।
पाकिस्तान की सीमा तक 14.15 किमी. लंबी बनने वाली इस सुरंग से भारत की एलओसी तक रणनीतिक पहुंच मजबूत होगी। इस सुरंग के बनने पर श्रीनगर और लेह के बीच रास्ता 12 महीने खुला रहेगा। फिलहाल सर्दियों में लेह बाकी देश से कट जाता है। करीब 11,000 करोड़ रुपये की लागत से यह सड़क सुरंग छह साल में बनकर तैयार होगी।
इससे पहले केंद्र सरकार लद्दाख के लिए महत्वाकांक्षी हवाई संपर्क योजना को मंजूरी दे चुकी है। मौजूदा समय में लद्दाख रीजन में 8 हेलीपैड हैं, जिनमें 5 लेह में और 3 करगिल में हैं, जिनका आधुनिकीकरण किया जाना है। इसके अलावा 14 नए आधुनिक हेलीपैड बनाए जाएंगे, जिसमें से 2 लेह में और 12 करगिल में होंगे।
इस तरह लद्दाख रीजन में 22 अत्याधुनिक हेलीपैड हो जायेंगे। इसी योजना के तहत लद्दाख क्षेत्र की 6 घाटियों में 6 हवाई पट्टियां बनाई जानी हैं। ज्यादातर बनने वाले नए हेलीपैड भारत-चीन सीमा के पास हैं। इसलिए किसी भी आपातकालीन जरूरत जैसे प्राकृतिक आपदा या स्थानीय नागरिकों की मेडिकल इमरजेंसी को पूरा करने के लिए ये हेलीपैड बेहद अहम कड़ी साबित होंगे। यह योजना भी छह साल में पूरी होगी।
अब केंद्र सरकार ने जम्मू-कश्मीर को दो हिस्सों में बांटकर बनाए गए केंद्रशासित प्रदेश लद्दाख में स्विट्जरलैंड के दावोस जैसा टूरिस्ट स्टेशन विकसित करने की योजना बनाई है। जोजीला सुरंग और जेड-मोड़ के बीच ऊंचाई वाले 18 किलोमीटर इलाके के लिएयह विश्वस्तर की परियोजना है। सरकार का इरादा यहां एक टाउन बसाने का है जिससे लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा होंगे।
केंद्रीय मंत्री सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी के मुताबिक इस टूरिस्ट स्टेशन प्रोजेक्ट के लिए अगले हफ्ते लद्दाख और जम्मू-कश्मीर के उप-राज्यपालों की बैठक बुलाई गई है। बैठक में दोनों उप-राज्यपालों से इस परियोजना के लिए इक्विटी कैपिटल के तौर पर जमीन लेने का विचार किया जा रहा है। छह साल में पूरी होने वाली इस परियोजना के लिए नए टूरिस्ट स्टेशन का मैप स्विट्जरलैंड के किसी आर्किटेक्ट से बनवाया जाएगा।