पटना। बिहार में जेडीयू और भाजपा के ‘ब्रेकअप’ का ऐलान भले ही अब हुआ हो लेकिन पिछले कुछ महीनों से ही नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव के बीच करीबी देखी जा रही थी। नीतीश से इस बारे में कई बार सवाल किया गया तो उन्होंने इसे शिष्टाचार भेंट का नाम देकर ही छोड़ दिया था। हालांकि अंदर जो खिचड़ी पक रही थी, आज वह सामने आ गई है और बिहार की राजनीति में एक बड़ा परिवर्तन देखने को मिल रहा है। 20 साल बाद करीब आने के बाद जो साथ 2017 में छूट गया था, वह फिर से जुड़ गया और एक बार फिर महागठबंधन की सरकार बनने जा रही है।
साल 2015 से 2017 तक महागठबंधन की सरकार थी जिसमें कांग्रेस, आरजेडी और जेडीयू शामिल थी। हालांकि कुछ इसी अंदाज में तब नीतीश कुमार ने महागठबंधन से दूरी बना ली और भाजपा के साथ मिलकर सरकार बना ली। नीतीश ने आज जो कुछ भी किया, उसका इशारा वह पहले ही दे चुके थे। आइए जानते हैं उन्होंने कब-कब भाजपा को संकेत दिए थे।
विधानसभा में नीतीश के साथ दिखी आरजेडी
जून में बिहार विधानसभा का सत्र खत्म हुआ है। इस बार का यह सत्र बेहद शांतिपूर्ण रहा। इसमें न तो तेजस्वी यादव ने ही नीतीश सरकार का विरोध में कोई बड़ी बात कही और न ही आरजेडी के नेताओं ने। बता दें कि बिहार में आरजेडी सिंगल लार्जेस्ट पार्टी है।
लालू प्रसाद यादव के इलाज की व्यवस्था
74 साल के लालू प्रसाद यादव का स्वास्थ्य जब ज्यादा बिगड़ गया और वह पटना से दिल्ली पहुंचे तो नीतीश कुमार खुद सारी व्यवस्था देख रहे थे। उन्होंने उनको दिल्ली पहुंचाने की भी व्यवस्था की थी।
मोदी सरकार के खिलाफ आरजेडी के विरोध को भी समर्थन
रविवार को तेजस्वी यादव की पार्टी ने महंगाई के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया था। नीतीश सरकार ने इस प्रदर्शन के लिए काफी इंतजाम किए थे। सुरक्षा की भी व्यवस्था की गई थी। साफ दिखायी दे रहा था कि इस विरोध प्रदर्शन को नीतीश सरकार का पर्दे के पीछे से समर्थन मिल रहा है।
जातिगत जनगणना पर तेजस्वी-नीतीश का साथ
जातिगत जनगणना के मुद्दे पर नीतीश का साथ तेजस्वी को पहले से ही मिलता रहा है। जब केंद्र सरकार ने कहा कि इस बार जातिगत जनगणना संभव नहीं है तो नीतीश कुमार ने एक सर्वदलीय बैठक बुलाई थी। उन्होंने ऐलान किया था कि बिहार में जाति के हिसाब से गिनती होगी।
तेजस्वी की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे नीतीश
मई में नीतीश कुमार तेजस्वी यादव के घर पर आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल हुए थे। रमजान के महीने में इफ्तार का आयोजन किया जाता है। 72 साल के नीतीश न सिर्फ इफ्तार में शामिल हुए बल्कि तेजस्वी के साथ वह घर से बाहर निकले। ऐसा लगता है कि वह मीडिया और भाजपा दोनों को परिवर्तन का संकेत देना चाहते थे। इसके बात तेजस्वी यादव भी नीतीश कुमार की इफ्तार पार्टी में शामिल हुए। यहां भी वे दोनों साथ में ही गेट से बाहर निकले।
लालू यादव की फिक्र
लालू प्रसाद यादव के खिलाफ जब भ्रष्टाचार का नया मामला दर्ज किया गया तो न तो जेडीयू के किसी नेता ने और न ही मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने इस कार्रवाई पर कोई टिप्पणी की। इसका मतलब साफ था कि नीतीश कुमार केंद्र की इस कार्रवाई का समर्थन नहीं करते थे। लालू प्रसाद यादव उस वक्त एक दूसरे मामले में जमानत मिलने के बाद अस्पताल में थे।