पटना: बिहार प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह के बतौर प्रदेश अध्यक्ष दो साल पूरे क्या हुए एक बार फिर कांग्रेस के अगला प्रदेश अध्यक्ष कौन जैसे सवाल राजनीति गलियारों में आवाज आने लगे हैं। पर इस चर्चा के साथ दो व्यूज भी कांग्रेस के भीतर चल रहे हैं। एक तो राज्य में होने वाले आगामी विधान सभा चुनाव 2025 और डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह के चुनावी कौशल की बात करें तो उत्तर न में आता है। यानी आगामी विधान सभा चुनाव के मद्देनजर कांग्रेस जैसे सीजेंड दल ऐन चुनाव के मौके पर कोई सांगठनिक बदलाव नहीं चाहेगी। दीगर की आलाकमान के मिजाज में कोई दूसरे राजनेता को आजमाने का फितूर न चल रहा है।
आखिर क्यों बने रहेंगे प्रदेश अध्यक्ष?
डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह कांग्रेस अध्यक्ष पद पर बने रहेंगे इसकी कुछ सकारात्मक वजह भी है। मसलन…
राजद सुप्रीमो लालू यादव से नजदीकी: आरजेडी सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव से बहुत नजदीकी संबंध। कहा जाता है कि कांग्रेस का प्रदेश अध्यक्ष बनने के पीछे भी राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव हैं। वैसे भी अखिलेश राजद सुप्रीमो के आशीर्वाद से राजद के सांसद भी रहे हैं।
लोकसभा चुनाव में बेहतर प्रदर्शन: लोकसभा चुनाव 2024 में मिली जीत भी एक वजह है। दरअसल, लोकसभा चुनाव में तीन सीटें जीतने के कारण कांग्रेस आलाकमान की नजर में भी है। 2019 की लोकसभा में कांग्रेस जहां एक लोकसभा सीट यानी किशनगंज लोकसभा में जीत मिली थी। लेकिन वर्ष 2024 लोकसभा चुनाव में किशानगंज से कांग्रेस के मौजूदा सांसद मो. जावेद को दूसरी बार जीत मिली, अरसे बाद कटिहार में पार्टी के वरिष्ठ नेता तारिक अनवर चुनाव जीतने में सफल रहे।
वहीं, सासाराम सुरक्षित सीट पर पार्टी के मनोज कुमार ने भाजपा के शिवेश राम को जबरदस्त शिकस्त दी। इस जीत से कांग्रेस का हौसला बुलंद है। कांग्रेस सूत्रों की माने तो उस जीत के बाद ही विधान सभा चुनाव 2025 की कमान आलाकमान ने अखिलेश को सौंप दी थी। यही वजह भी है कि नए अध्यक्ष की चर्चा के बीच वे विधान सभा चुनाव की तैयारी में उतर कर जनता के बीच कांग्रेस की नीतियों को पहुंचाने में लगे हैं।
15 जनवरी से यात्रा: यात्रा की तैयारी भी संकेत दे रहे हैं। कांग्रेस सूत्रों की माने तो डॉ. अखिलेश बिहार की यात्रा पर निकलने वाले हैं। माना जा रहा है कि खरमास के बाद यानी 15 जनवरी से वह बिहार यात्रा पर निकलेंगे। डॉ. अखिलेश के करीबी इस यात्रा का कार्यक्रम तैयार करने में लगे हैं कि यात्रा कहां से शुरू होगी और कहां खत्म।
मुद्दों की राजनीति: मुद्दों की राजनीत से कांग्रेस कार्यकर्ताओं में जोश भरने का भी काम कर रहे हैं। डॉ. अखिलेश लगातार स्मार्ट मीटर को लेकर आवाज उठाते रहे हैं।
मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल का सदाकत आश्रम में आना: वैसे डॉ. अखिलेश की हालत मजबूत इसलिए भी महसूस की जा रही है कि उन्होंने कांग्रेस के सदाकत आश्रम में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को लाकर पहले ही अपनी ही स्थिति मजबूत कर चुके हैं।
लालू की रणनीति: राजनीतिक सूत्रों की माने तो लालू प्रसाद यादव नहीं चाहते कि कांग्रेस से कोई भी अध्यक्ष, पिछड़ी जाति, दलित और मुस्लिम से बने। कांग्रेस नेतृत्व की यह मजबूरी भी अखिलेश प्रसाद सिंह को प्रदेश अध्यक्ष से नहीं हटा सकेंगे।