परिवहन निगम के प्रबन्ध निदेशक डॉ. राजशेखर ने बुधवार को बताया कि हमारी पहली प्राथमिकता कोरोना के संक्रमण से रोडवेज बसों में सफर करने वाले यात्रियों की सुरक्षा है। इसलिए यदि प्रदेश सरकार लॉकडाउन में छूट देगी तो रोडवेज बसें नो मास्क नो ट्रैवल की नीति पर चलायी जायेंगी। इसके लिए सभी तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं।
उन्होंने बताया कि यदि प्रदेश सरकार बसों के संचालन की अनुमति देती है तो कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए परिवहन निगम हर चक्कर में बसों को सेनेटाइज करायेगा। इसके अलावा हर छह घण्टे में एक बार बस स्टेशनों को भी सेनेटाइज किया जायेगा।
उन्होंने बताया कि यात्रियों के सुरक्षित सफर के लिए हैवी ड्यूटी थर्मल सेंसर कैमरा से यात्रियों के शरीर का तापमान मापने की भी व्यवस्था रहेगी। नो मास्क नो ट्रैवल की नीति के तहत बसों के सभी चालकों, परिचालकों, बस स्टेशनों के सभी कर्मचारियों को अनिवार्य व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरणों के रूप में मास्क और दस्ताने का उपयोग करना होगा। ड्यूटी करने से पहले सभी कर्मचारियों के शरीर का तापमान मापने के लिए थर्मल गन का इस्तेमाल किया जायेगा।
इसके अलावा कोरोना के फैलाव को रोकने के लिए निश्चित दूरी बनाये रखने के उद्देश्य से हर बस अड्डे पर पांच सदस्यीय टीम तैनात की जायेगी। फिलहाल अब रोडवेज बसों के संचालन के लिए प्रदेश सरकार की हरी झंडी का इंतजार है।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसें गत 22 मार्च से ही बन्द है। सिर्फ प्रदेश शासन की अनुमति से गैर राज्यों में फंसे प्रदेश के लोगों को लाने के लिए आपातकालीन स्थिति में बसों का संचालन किया जा रहा है। रोडवेज बसें यात्रियों के लिए बन्द होने की वजह से परिवहन निगम को भारी नुकसान हो रहा है। इससे परिवहन निगम प्रबन्धन को आर्थिक दिक्कतों का भी सामना करना पड़ रहा है।