लॉक डाउन में रियायत: केंद्र ने जारी किया स्पष्टीकरण, सिर्फ समान बेचने और पड़ोसी दुकानों को छूट

नई दिल्ली। गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को आदेश जारी कर लॉकडाउन में कुछ रियायत दी, लेकिन इस पर भ्रम पैदा होते ही शनिवार को स्पष्टीकरण जारी कर दिया। शनिवार के आदेश में कहा गया कि आज से गांव और कस्बों में शॉपिंग मॉल, सलून और रेस्टोरेंट को छोड़कर बाकी दुकानें खुलेंगी। शहरी क्षेत्र में सिर्फ आवासीय परिसर, कॉलोनियों के आसपास और स्टैंड-अलोन शॉप (अलग-थलग सिर्फ एक दुकान हो) को ही खोलने की इजाजत दी गई है। शराब, सिगरेट और तंबाकू उत्पादों की बिक्री पहले की तरह हर जगह प्रतिबंधित रहेगी। उन इलाकों में दुकान नही खुलेंगी, जिन्हें कोरोना हॉटस्पॉट माना गया है या कंटेनमेंट जोन घोषित किया गया है।

गृह मंत्रालय ने कुछ शर्तें भी रखीं। जैसे- दुकानों में सिर्फ 50 फीसदी स्टाफ के साथ काम होगा। ये सभी लोग मास्क लगाएंगे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे। सभी दुकानें संबंधित राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों के स्थापना अधिनियम के तहत पंजीकृत होनी चाहिए।

पहले वाले आदेश पर राज्यों में भ्रम की स्थिति थी

गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को जो आदेश जारी किया था उसमें अंतिम फैसला राज्य सरकारों पर छोड़ा था। ऐसे में कई राज्यों में इसे लेकर भ्रम की स्थिति बन गई। उनका कहना था कि वे इस पर विस्तृत चर्चा के बाद ही कोई फैसला करेंगे।

गृह मंत्रालय ने दुकानों को छूट देता आदेश शुक्रवार रात 11:40 पर जारी किया था। शनिवार सुबह 11 बजे इस पर एक क्लैरिफिकेशन जारी किया।

सवाल जवाब से समझिए पूरा मामला

1) क्या सभी तरह की दुकानों को खोलने की छूट है?
नहीं। शराब, तंबाकू उत्पाद की दुकानें, सलून, रेस्टोरेंट और मॉल खोलने की कहीं भी इजाजत नहीं है। कंटेनमेंट जोन में भी कोई दुकान नहीं खुलेगी।

2) फिर गृह मंत्रालय के शुक्रवार के आदेश से क्या फर्क पड़ेगी?

पहले दूध, फल, सब्जी, राशन, मेडिकल, पेट्रोल पंप, आटा चक्की जैसे जरूरी सामानों की दुकानों को ही खोलने की इजाजत थी। अब कुछ गैर-जरूरी सामानों को बेचने वाली दुकानें भी खुल जाएंगी। हालांकि, इसके लिए सरकार ने कुछ शर्तें रखीं हैं।

2) दुकान खोलने के लिए जरूरी शर्तें क्या हैं?
दुकान पर सिर्फ 50 फीसदी स्टाफ ही काम करेगा। ये सभी लोग मास्क लगाएंगे और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगे। केंद्र शासित प्रदेश या राज्य के स्थापना अधिनियम के तहत इन दुकानों का रजिस्ट्रेशन होना जरूरी है।

3) क्या देशभर में शॉपिंग कॉम्प्लेक्स और बाजार खुलेंगे?

  • गांव-कस्बा: यानी नगर निगम या नगरपालिका की सीमा से बाहर शॉपिंग कॉम्पलेक्स कॉम्प्लेक्स खुल सकेंगे। अगर कॉप्लेक्स में सलून, रेस्टोरेंट या शराब की दुकान है तो वह नहीं खुलेगी। यहां बाजार भी खुलेंगे।
  • शहरी सीमा: यहां आस-पड़ोस और रेजिडेंशियल कॉम्प्लेक्स में मौजूद दुकानें और स्टैंड अलॉन (कोई एक दुकान जो अलग-थलग हो) ही खुलेंगी। शहरी सीमा से मतलब नगर निगम या नगरपालिका के अधीन आने वाला क्षेत्र है।

4) क्या यह देश के हर इलाके के लिए है और राज्य इसमें फैसले ले सकेंगे?
नहीं, हॉटस्पॉट और कंटेनमेंट जोन के लिए यह छूट नहीं है। यहां दुकानें अभी बंद रहेंगी। राज्य अपने हिसाब से इसमें फैसले ले सकते हैं।

5) क्या मॉल खुलेंगे?
नहीं, किसी सिंगल या मल्टी ब्रांड मॉल को खोलने की इजाजत कहीं भी नहीं दी गई है।

6) अब तक किन दुकानों को छूट है?
दूध, राशन, फल-सब्जी, कृषि उपकरण और कई तरह के उद्योगों को खोलने की छूट है।

7) ये छूट देने के पीछे वजह?
सरकार चाहती है कि छोटे कारोबारियों का नुकसान न हो, लोगों को दिक्कतें न हों, धीरे धीरे आर्थिक गतिविधियों में तेजी आए। शनिवार से रमजान की शुरुआत भी इसके पीछे एक वजह मानी जा रही है।

ये सेवाएं जो जनता कर्फ्यू से लेकर 3 मई तक चालू रहेंगी

कुछ सेवाएं जनता कर्फ्यू यानी 22 मार्च से लेकर लॉकडाउन के दूसरे चरण के खत्म होने तक चालू रहेंगी। इसमें बैंक, पेट्रोल पंप के अलावा और जरूरी सेवाएं शामिल हैं।

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