नई दिल्ली। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से लोगों के खाते में सीधे नकदी हस्तांतरण करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अस्थायी तौर पर ‘न्याय’ को अपनाकर संकट की इस घड़ी में जरूरतमंद लोगों को मदद पहुंचा सकते हैं। बाजार में मांग को बनाए रखना जरूरी है और इसके लिए लोगों के खाते में पैसा भेजना आवश्यक है, इसीलिए प्रधानमंत्री से निवेदन है कि वे अपने पैकेज पर पुनर्विचार (रिकंसीडर) करें।
राहुल गांधी ने शनिवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए क्षेत्रीय इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के संवाददाताओं से बात करते हुए कहा कि वर्तमान समय में लोगों को लोन या कर्ज देने की जरूरत नहीं है बल्कि उन्हें सीधा लाभ पहुंचाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि जब बच्चों को चोट लगती है तो मां बच्चे को कर्ज नहीं देती है, वो एकदम मदद करती है। ऐसे में केंद्र सरकार को भी देशवासियों की मदद के लिए लोन मेला लगाने के बजाय उन्हें एकदम पैसा देना चाहिए। राहुल ने सड़कों पर पैदल चल रहे प्रवासी मजदूरों की समस्या पर कहा कि उन्हें भी नकदी की जरूरत है। नकदी के इतर तमाम व्यवस्थाएं किए जाने के बाद भी उनका भरोसा नहीं बन पा रहा, इसी कारण वो इंतजार करने के बजाय पैदल ही घरों की ओर निकल पड़ रहे हैं।
वहीं रेटिंग का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस नेता ने कहा, ‘मैंने सुना है कि पैसे नहीं देने के पीछे मुख्य कारण रेटिंग है। सरकार का मानना है कि अगर आज उन्होंने थोड़ा घाटा बढ़ा दिया तो विदेशी एजेंसियां भारत की रेटिंग कम कर देंगी। ऐसे में मैं प्रधानमंत्री मोदी जी से कहना चाहता हूं कि हमारी रेटिंग किसान और मजदूर बनाते हैं। आज उन्हें हमारी जरूरत है, रेटिंग के बारे में मत सोचिए।’ राहुल ने कहा कि मौजूदा समय में बाजार में मांग बढ़ाने के लिए जरूरी है कि लोगों के खाते में पैसा दिया जाए, अगर ऐसा नहीं होता है तो बहुत बड़ा आर्थिक नुकसान होगा।
राहुल गांधी ने कहा, ‘अगर सरकार भविष्य में किसी अवसर के बारे में सोचना चाहती है, तो उन्हें वर्तमान का बचाव करना होगा। भविष्य के लिए एक प्रक्रिया है, लेकिन अभी हमें अपने कमजोर लोगों की रक्षा करनी है।’ उन्होंने कहा कि प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण, मनरेगा के कार्य दिवस 200 दिन करना तथा किसानों को पैसा देने के विषय में मोदी जी विचार करें, क्योंकि ये सब हिंदुस्तान का भविष्य है।
इसके अलावा, लॉकडाउन को लेकर कांग्रेस नेता ने कहा कि यह बहुत महत्वपूर्ण है कि आर्थिक कमजोर लोगों का त्याग किए बिना, बुद्धिमानी और सावधानी से लॉकडाउन खोले जाने पर विचार किया जाना चाहिए। ऐसा करना हर किसी के लिए प्राथमिक कर्तव्य है। इस दौरान उन्होंने केरल में कोरोना वायरस पर कंट्रोल की तारीफ की और कहा कि वह एक मॉडल स्टेट है और बाकी राज्य उससे सबक ले सकते हैं।