नई दिल्ली। याद करिये सितंबर, 2012 में तत्कालीन प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने डीजल की कीमतों में बढ़ोतरी और सब्सिडीयुक्त रसोई गैस की सीमा सीमित करने के फैसले का बचाव करते हुए कहा था कि पैसे पेड़ पर नहीं उगते। यह बयान लगातार सुर्खियों में रहा है। इसकी एक ठोस वजह यह कि पैसा बनाने के बारे में बात करना तो आसान है, लेकिन हासिल करना कठिन है। खासकर निवेश या पैसा लगाकर रकम बनाना आसान तो नहीं है।
दरअसल, पैसा डूबने का डर और पूर्वाग्रह निवेश के रास्ते में आड़े आते हैं। यहां हम आपकों निवेश के कुछ तरीके बता रहे हैं जिनके जरिए आप पैसा लगाकर एक अच्छी रकम बना सकते हैं। सबसे पहले तो आपको फालतू खर्चों पर अंकुश रखना होगा। एकमुश्त रकम के लिए बचत पर फोकस करें और इसको लेकर एक लक्ष्य तय करें। यदि आपने एक लक्ष्य तय किया है तो इसे पाने के लिए प्रेरित होंगे।
दूसरी बात यह कि आपको एक अतिरिक्त आय पर फोकस करना होगा। इसके लिए निवेश करें। खासकर वेतनभोगी लोगों के लिए दिन में 12 घंटे काम करने के बाद ऐसा करना चुनौतीपूर्ण है। यदि आपके पास बाजार को ट्रैक करने का समय नहीं है तो आपको सटीक योजनाओं में ही निवेश करना होगा। आप जोखिम से बचने के लिए ऐसे फंडों में निवेश करने की सोच सकते हैं जो पैसा पैदा करते रहेंगे।
ऐसी आय का एक उदाहरण लाभांश इनकम है। इसे आप इक्विटी शेयरों से अर्जित कर सकते हैं। कुछ मामलों में तो लाभांश आय शेयरों की मूल खरीद मूल्य से अधिक हो सकती है। यदि आप लंबी अवधि के लिए निवेश करते हैं तो पब्लिक प्रोविडेंट फंड (Public Provident Fund, PPF) में निवेश से अर्जित ब्याज मूल निवेश से अधिक हो सकता है। खास बात यह कि इस तरह के निवेश के बाद आप नकदी निकालने की जल्दबाजी न करें।
लंबी अवधि के निवेश से आपको कंपाउंडिंग का लाभ मिलता है। यह एक अच्छी रकम बनाने का महत्वपूर्ण सिद्धांत है। यह ऐसा तरीका है जो आपके निवेश को समय के साथ बढ़ाता रहता है। यह बगैर जोखिम के पैसे से पैसा बनाने के सबसे शक्तिशाली साधनों में से एक है। यह धीरे-धीरे शुरू होती है, लेकिन जैसे-जैसे समय बीतता है और आपकी रकम तेजी से बढ़ने लगती है।
यदि आप अपने निजी जीवन में बहुत व्यस्त हैं और आपके पास अपने निवेश की देखभाल करने का समय नहीं है, तो अपने पैसे को बढ़ाने के लिए पेशेवर मदद लें। खुदरा निवेशकों के लिए शॉर्टकट मुफीद नहीं माना जाता है। ऐसे निवेशकों के लिए टेस्टिंग का तरीका अनुकूल नहीं हो सकता है। इसलिए आजमाए हुए निवेश के विकल्पों पर ही विचार करें। याद रखें कि धन सृजन एक बार की गतिविधि नहीं है, यह एक सतत प्रक्रिया है जिसमें सीख, समय और धैर्य तीनों की जरूरत होती है।