लखनऊ। कानपुर के चौबेपुर थाने में तैनात रहे सब इंस्पेक्टर केके शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट की शरण ली है। बिकरु बीट के इंचार्ज रहे केके शर्मा को गैंगस्टर के विकास दुबे के कथित करीबी होने और दबिश की मुखबिरी करने के आरोप में थानेदार रहे विनय तिवारी के साथ 8 जुलाई को गिरफ्तार किया गया था। वह गैंगस्टर से मुठभेड़ के दौरान मौके से फरार हो गए थे। उन्होंने सुप्रीम कोर्ट ने यह कहते हुए याचिका दाखिल की है कि उनकी व पत्नी की जान को खतरा है और वे सुरक्षा चाहते हैं। शर्मा ने पूरे प्रकरण की जांच सीबीआई से कराए जाने की मांग की है।
याचिकाकर्ता ने कहा है कि विकास दुबे और उसके सहयोगियों जैसे प्रभात मिश्रा, बऊवा शुक्ला, अमर दुबे, प्रेम प्रकाश पांडे और अतुल दुबे को पुलिस हिरासत से भागने के आरोप में मार दिया गया। ऐसी दशा में मुझे भी मारा जा सकता है।
एनकाउंटर की जांच के लिए कमीशन बना
योगी सरकार ने रिटायर्ड जज को कमीशन बनाकर जांच कराने का निर्णय लिया है। इसे एकल सदस्यीय जांच आयोग नाम दिया गया है। हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज शशिकांत अग्रवाल को जांच की जिम्मेदारी सौंपी गई है। आयोग का मुख्यालय कानपुर में होगा। आयोग दो जुलाई को बिकरू गांव में हुए घटनाक्रम के अलावा 10 जुलाई तक पुलिस और इस प्रकरण से सम्बंधित अपराधियों के बीच प्रत्येक मुठभेड़ की भी जांच करेगा।
आयोग विकास दुबे और उसके साथियों की पुलिस तथा अन्य विभागों/ व्यक्तियों से सम्बंध रखने और शामिल होने वाले मामले की भी जांच करेगा। ऐसी घटना फिर न हो, इसके लिए सुझाव भी देगा। दो माह के अंदर आयोग पूरे मामले की जांच कर सरकार को सौंपेगा।
एसआईटी, ईडी और कानपुर आयकर विभाग भी जांच में जुटा
एसआईटी और ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) की टीम ने रविवार को बिकरु गांव का दौरा किया। एसआईटी और ईडी ने गांव वालों से बात की। पुलिस वालों से पूछताछ की है। ईडी ने जहां विकास दुबे की संपत्तियों का ब्योरा जुटा है। वहीं, एसआईटी दो जुलाई काे हुए घटनाक्रम और पुलिस की भूमिका की विस्तार से जांच शुरू की है। कहा जा रहा है कि, कई पुलिसकर्मी कार्रवाई की जद में आएंगे।
अपर मुख्य सचिव संजय भूसरेड्डी की अध्यक्षता में एसआईटी का गठन किया गया है। अपर पुलिस महानिदेशक हरिराम शर्मा और पुलिस उप महानिरीक्षक जे रवींद्र गौड़ एसआईटी के सदस्य हैं। शासन ने 31 जुलाई तक जांच रिपोर्ट तलब की है।